कोलकाता: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में आज भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने राज्य की ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ एक बड़ा विरोध मार्च निकाला। यह मार्च राज्य में बढ़ती हिंसा और स्कूल सर्विस कमीशन (SSC) शिक्षकों की नौकरी छिनने के मुद्दे को लेकर आयोजित किया गया। प्रदर्शनकारियों ने हाथों में बैनर और तख्तियां ले रखी थीं, जिनमें बंगाली भाषा में लिखा था “चटक मूस्टर और हिंदू शिक्षकों के लिए न्याय चाहिए।” यह नारा राज्य में शिक्षक भर्ती घोटाले और कथित तौर पर हिंदू शिक्षकों के साथ भेदभाव के खिलाफ आवाज बुलंद करता है। मार्च में पश्चिम बंगाल के नेता प्रतिपक्ष और भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी, केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार सहित कई अन्य प्रमुख नेता शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने तृणमूल कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार और अराजकता को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।
यह प्रदर्शन हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के बाद हुआ, जिसमें 25,000 से अधिक शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्तियां रद्द कर दी गई थीं, जिसके कारण शिक्षकों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए। भाजपा नेताओं ने इस मुद्दे को लेकर ममता सरकार पर तीखा हमला बोला और कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति चरमरा गई है। सुवendu अधिकारी ने कहा, “राज्य सरकार की नाकामियां अब बर्दाश्त के बाहर हैं। शिक्षकों के साथ अन्याय और हिंसा के खिलाफ हम चुप नहीं बैठेंगे।”
वहीं, सुकांत मजूमदार ने केंद्र से हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा कि बंगाल में जल्द ही बदलाव की जरूरत है। यह विरोध मार्च उस समय हुआ है जब पश्चिम बंगाल में राजनीतिक तनाव चरम पर है। भाजपा पहले ही 2026 के विधानसभा चुनावों में तृणमूल कांग्रेस को हराने का दावा कर चुकी है। पार्टी ने दिल्ली में अपनी हालिया जीत को बंगाल में कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणा बताया है। दूसरी ओर, तृणमूल कांग्रेस ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इसे राजनीतिक स्टंट करार दिया है। इस प्रदर्शन के दौरान कोलकाता की सड़कों पर भारी भीड़ देखी गई, और पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। यह घटना राज्य में बढ़ते असंतोष और शिक्षक भर्ती घोटाले के बाद उत्पन्न संकट को और गहरा सकती है।