पटना: बिहार विधानसभा चुनाव भले ही कुछ महीने दूर हों, लेकिन राज्य में राजनीतिक हलचलें अभी से तेज हो गई हैं। एनडीए और महागठबंधन जहां अपनी चुनावी तैयारियों में जुटे हैं, वहीं चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी भी पूरे चुनावी मोड में नजर आ रही है। हाल ही में पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में जन सुराज की ‘बदलाव रैली’ का आयोजन हुआ, हालांकि यह रैली अपेक्षित सफलता हासिल नहीं कर पाई। इसके बावजूद पीके का राजनीतिक मिशन जारी है — और अब उन्हें एक बड़ा राजनीतिक चेहरा अपने साथ मिला है।
नीतीश कुमार के पुराने करीबी और बिहार के पूर्व शिक्षा मंत्री वृषिण पटेल ने जन सुराज का दामन थाम लिया है। पटेल, जो कभी जेडीयू में नीतीश कुमार के सबसे विश्वस्त नेताओं में गिने जाते थे, अब प्रशांत किशोर के साथ दिखाई दे रहे हैं। सूत्रों की मानें तो उन्होंने औपचारिक रूप से जन सुराज पार्टी जॉइन कर ली है, और उनकी प्रशांत किशोर के साथ एक तस्वीर सोशल मीडिया पर भी वायरल हो चुकी है।
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वृषिण पटेल का राजनीतिक सफर कई मोड़ों से होकर गुजरा है। स्वतंत्रता सेनानी परिवार से आने वाले पटेल एक समय नीतीश कुमार के बाद राज्य के सबसे प्रभावशाली कुर्मी नेता माने जाते थे। 2005 में वे नीतीश सरकार में मंत्री बने। 2015 की शुरुआत में उन्होंने नीतीश कुमार का साथ छोड़ा और जीतनराम मांझी की ‘हम’ पार्टी में शामिल हो गए। बाद में 2020 के चुनाव से पहले ‘हम’ छोड़कर आरजेडी का दामन थाम लिया। पांच साल तक आरजेडी में रहने के बाद अब उन्होंने एक बार फिर नई राजनीतिक राह पकड़ी है — इस बार प्रशांत किशोर की अगुवाई वाली जन सुराज पार्टी के साथ।