बिहार की राजनीति में एक बार फिर अंदरूनी कलह और गठबंधन की गरमाहट सुर्खियों में है। आगामी विधानसभा चुनाव से पहले जहां नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बीच अहम बैठक होने जा रही है, वहीं इससे ठीक पहले कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता यशवंत कुमार के बयान ने महागठबंधन में सियासी खलबली मचा दी है।
कांग्रेस लीगल सेल के उपाध्यक्ष यशवंत कुमार ने सोमवार को मीडिया में बयान दिया कि “तेजस्वी यादव पर एनडीए भ्रष्टाचार और जंगलराज को लेकर निशाना बनाएगी, इसलिए महागठबंधन को तेजस्वी की बजाय कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार को चेहरा बनाना चाहिए। तेजस्वी को कृष्ण और राजेश कुमार को अर्जुन की भूमिका निभानी चाहिए।” इस बयान से आरजेडी खेमे में नाराजगी और कांग्रेस में हड़कंप मच गया।
बिहार कांग्रेस के मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौड़ ने स्पष्ट किया कि पार्टी ने इस बयान को गंभीर अनुशासनहीनता माना है और कड़े कदम उठाए हैं। यशवंत कुमार को गोपालगंज में ‘भीम शक्ति संवाद’ कार्यक्रम के पर्यवेक्षक पद से हटा दिया गया है और साथ ही उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है।
तेजस्वी यादव मंगलवार को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष खरगे से पहली औपचारिक मुलाकात करेंगे। राजद सांसद प्रो. मनोज झा ने बताया कि इस बैठक में सीट शेयरिंग, चुनावी रणनीति और गठबंधन की मजबूती पर चर्चा होगी। ये मीटिंग 17 अप्रैल को पटना में होने वाली महागठबंधन की बड़ी बैठक से पहले हो रही है, जिससे इसका राजनीतिक महत्व और भी बढ़ गया है।