हरदोई: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को हरदोई में एक जनसभा को संबोधित करते हुए पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 के खिलाफ हालिया हिंसा को लेकर राज्य सरकार की चुप्पी और निष्क्रियता की कड़ी आलोचना की। योगी ने कहा, “बंगाल जल रहा है। राज्य की मुख्यमंत्री चुप हैं। वह दंगाइयों को ‘शांतिदूत’ कहती हैं। लातों के भूत बातों से कहां मानने वाले हैं?
लेकिन धर्मनिरपेक्षता के नाम पर इन लोगों ने दंगाइयों को दंगे करने की पूरी छूट दे रखी है। पिछले एक हफ्ते से पूरा मुर्शिदाबाद जल रहा है, लेकिन सरकार मौन है। ऐसी अराजकता पर लगाम लगनी चाहिए।” बता दें पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 के खिलाफ पिछले सप्ताह हिंसक प्रदर्शन शुरू हुए थे, जिसमें कम से कम तीन लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। पुलिस ने अब तक 200 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। हिंसा के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा और कई इलाकों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्देश पर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) को तैनात किया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हरदोई में अमर सेनानी राजा नरपति सिंह मेमोरियल स्थल पर विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने बंगाल की स्थिति पर अपनी चिंता जाहिर करते हुए ममता बनर्जी सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए। योगी ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता के नाम पर हिंसा को बढ़ावा देना स्वीकार्य नहीं है और ऐसी अराजकता को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाने चाहिए। पश्चिम बंगाल में धर्म और सांप्रदायिकता को लेकर ममता बनर्जी की नीतियां पहले भी विवादों में रही हैं।
2019 में डिसेंट मैगज़ीन की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि तृणमूल कांग्रेस ने बंगाल की लगभग 30% मुस्लिम आबादी के बीच समर्थन हासिल करने के लिए धार्मिक तुष्टिकरण की नीति अपनाई, जिससे राज्य की पुरानी धर्मनिरपेक्ष राजनीति कमजोर हुई। इस नीति की आलोचना करते हुए कई लोगों ने ममता सरकार पर सांप्रदायिक हिंसा को रोकने में नाकामी का आरोप लगाया है। मुर्शिदाबाद हिंसा और योगी आदित्यनाथ के बयान ने एक बार फिर पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर बहस छेड़ दी है। इस बीच, राज्य में शांति बहाल करने के लिए प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है और स्थिति पर नजर रखी जा रही है।