नई दिल्ली: अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते टैरिफ युद्ध का असर अब भारत पर पड़ने की आशंका है। सरकार को डर है कि दोनों देशों के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव के कारण भारत में सस्ते आयात की बाढ़ आ सकती है। इसी खतरे को भांपते हुए वाणिज्य मंत्रालय ने ‘आयात वृद्धि निगरानी समूह’ का गठन किया है। इस विशेष समूह का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भारत में किसी भी विदेशी देश द्वारा बड़े पैमाने पर सस्ते दामों पर उत्पाद डंप न किए जाएं। वाणिज्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी एल. सत्य श्रीनिवास ने जानकारी दी कि “दुनिया में टैरिफ को लेकर अनिश्चितता बढ़ गई है, और इससे भारत में आयात बढ़ने का खतरा है।” इसी वजह से यह निगरानी समूह सक्रिय किया गया है।
डंपिंग से बचाव के लिए सरकार तैयार
अगर किसी देश से कोई सामान असामान्य मात्रा में भारत में आने लगे तो सरकार डंपिंग-रोधी शुल्क लगाने पर विचार कर सकती है। यह शुल्क उन उत्पादों पर लगाया जाता है जिन्हें कोई देश भारत में बहुत ही कम कीमत पर बेचता है, जिससे घरेलू उद्योगों को नुकसान हो सकता है। इसके अलावा सरकार सेफगार्ड ड्यूटी यानी रक्षोपाय शुल्क भी लागू कर सकती है, जो अचानक बढ़े हुए आयात से भारतीय उद्योगों को सुरक्षा देने के लिए लगाया जाता है।
हर हफ्ते होगी निगरानी, हर कदम पर नजर
यह निगरानी समूह हर हफ्ते और हर महीने आयात के आंकड़ों की समीक्षा करेगा और देखेगा कि किन देशों से कौन-कौन से सामान की मात्रा बढ़ रही है। अगर किसी उत्पाद में अचानक उछाल देखा गया, तो इसके पीछे के कारणों की जांच की जाएगी। समूह में वाणिज्य विभाग, DGFT, CBIC, DPIIT जैसे अहम विभागों के अधिकारी शामिल हैं। जरूरत पड़ने पर अन्य मंत्रालयों से भी सलाह ली जाएगी।
टैरिफ युद्ध का असर भारत तक
हाल ही में अमेरिका ने चीन के उत्पादों पर 145% तक शुल्क लगाया है, जिसके जवाब में चीन ने भी अमेरिकी कृषि उत्पादों पर 125% टैक्स ठोंक दिया। इससे दोनों देशों के बीच व्यापार युद्ध जैसी स्थिति बन गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि चीन, वियतनाम और इंडोनेशिया जैसे देश अब अमेरिका की जगह भारत जैसे बाजारों की ओर रुख कर सकते हैं ताकि अपने उत्पादों को बेच सकें। इसका असर भारतीय बाजारों और घरेलू उद्योगों पर पड़ सकता है। एल. सत्य श्रीनिवास ने कहा कि सरकार हर स्थिति पर पैनी नजर रखे हुए है और किसी भी स्थिति में भारत के उद्योगों को नुकसान नहीं होने दिया जाएगा। “हम पूरी तरह सतर्क हैं। अगर जरूरत पड़ी तो हम सभी आवश्यक कदम उठाएंगे।”