वक़्फ कानून को लेकर जदयू में मुस्लिम नेताओं की नाराज़गी कम होती नहीं दिख रही है। सीमांचल में जनता दल यूनाइटेड को बड़ा झटका लगा है। किशनगंज के जेडीयू जिलाध्यक्ष सह पूर्व विधायक मास्टर मुजाहिद आलम ने सैकड़ो कार्यकर्ताओ के साथ जेडयू से नाता तोड़ लिया है। शहर के इंसान स्कूल रोड स्थित जनता दल यूनाइटेड जिला कार्यालय में सैकड़ों समर्थकों की मौजूदगी में उन्होंने इस्तीफे का ऐलान किया।

इस्तीफे की घोषणा के बाद आलम ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उन्होंने 15 वर्षों से जेडीयू में कार्यकर्ता के रूप में काम किया और पार्टी को मजबूत बनाने के साथ दो बार कोचाधामन विधानसभा क्षेत्र के आवाम ने विधानभा भेजने का काम किया। उन्होंने कहा कि हम सभी नीतीश कुमार को सेक्यूलर और विकास पुरुष के साथ मुसलमानों के हितैषी समझते थे, लेकिन उन्होंने वक्फ संशोधन कानून का समर्थन कर हम सभी को धोखा देने का काम किया है। उन्होंने कहा कि मैने शुरू से वक्फ संशोधन बिल का विरोध किया था और आगे भी जारी रखेंगे।
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पत्रकारों के एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि अभी किसी पार्टी में जाने की कोई योजना नहीं है। फिलहाल इस कानून का विरोध करना है और अपने समर्थकों के साथ हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में उन्होंने कानून के खिलाफ याचिका दायर की है और उन्हें सर्वोच्च्य न्यायालय से न्याय की उम्मीद है। इस दौरान वो भावुक भी हो गए और फूट-फूटकर रोने लगे।
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वहीं मौके पर मौजूद मुजाहिद आलम के समर्थकों ने सीएम नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और कानून को वापस लेने की मांग की गई। मुजाहिद आलम दो बार जिले के कोचाधामन विधान सभा क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं। वहीं बीते लोकसभा चुनाव में उन्हें पार्टी ने किशनगंज लोकसभा क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बनाया था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।