देश की आंतरिक सुरक्षा को लेकर एक बार फिर बिहार की राजधानी पटना सुर्खियों में है। आतंकवाद के ख़िलाफ़ चल रही मुहिम के तहत बिहार एटीएस (ATS) ने फुलवारीशरीफ में बीती रात एक गुप्त और हाई-प्रोफाइल ऑपरेशन को अंजाम दिया, जिसमें मोहम्मद जुनैद नामक युवक को हिरासत में लिया गया है।
इस ऑपरेशन ने न सिर्फ स्थानीय प्रशासन बल्कि खुफिया एजेंसियों को भी चौकन्ना कर दिया है। अल-ग्यास नगर मोहल्ला देर रात अचानक पुलिस और ATS की गाड़ियों से घिर गया और लोगों को भनक तक नहीं लगी कि भीतर क्या साज़िशें दबी पड़ी थीं।
देशविरोधी प्रचार और आतंकी लिंक की जांच
प्राथमिक जांच में खुलासा हुआ है कि मोहम्मद जुनैद सोशल मीडिया पर ‘Save Palestine’ अभियान के नाम पर सक्रिय था, लेकिन इसी अभियान की आड़ में देशविरोधी तत्वों को फंडिंग और भड़काऊ सामग्री के प्रचार-प्रसार का संदेह है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जुनैद ने करीब ₹7500 की रकम एक ऐसे खाते में ट्रांसफर की थी, जो कथित तौर पर प्रतिबंधित आतंकी संगठन से जुड़ा है।
ATS ने उसके मोबाइल, लैपटॉप और सोशल मीडिया प्रोफाइल को जब्त कर लिया है और साइबर टीम अब हर डिजिटल कड़ी को खंगालने में जुट गई है।
ATS की ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ जैसी कार्रवाई
पटना के SSP ने गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि उन्हें “बेहद संवेदनशील और विश्वसनीय इनपुट” मिले थे, जिसके आधार पर रातों-रात फुलवारीशरीफ को चारों तरफ से घेर कर एक सटीक ऑपरेशन चलाया गया। किसी फिल्मी सीन की तरह ATS की टीम ने मोहल्ले में दबिश दी और बिना शोर-शराबे के जुनैद को हिरासत में लेकर गुप्त स्थान पर पूछताछ के लिए रवाना कर दिया।
उत्तर प्रदेश से जुड़ा ‘नेटवर्क’, दो और गिरफ्तार
इस कार्रवाई की दिलचस्प बात यह है कि इसका सिरा उत्तर प्रदेश पुलिस के इनपुट से जुड़ा है। यूपी में हाल ही में इसी नेटवर्क से जुड़े दो अन्य संदिग्धों को पकड़ा गया था, और पूछताछ में जुनैद का नाम सामने आया। इससे यह संकेत मिलता है कि यह सिर्फ एक अकेली गिरफ्तारी नहीं, बल्कि एक बड़े कट्टरपंथी नेटवर्क का हिस्सा हो सकती है, जिसकी जड़ें बिहार और यूपी में फैली हुई हैं।