जनसुराज पार्टी के संस्थापक और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने सोमवार को पटना में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान नीतीश कुमार और एनडीए सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने जातीय जनगणना, भूमि सर्वेक्षण, आरक्षण सीमा और दलित-महादलित समुदाय की स्थिति जैसे कई मुद्दों को लेकर सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए और कहा कि बिहार की राजनीति में इन दिनों विपक्ष की भूमिका लगभग नगण्य हो गई है।
प्रशांत किशोर ने अपनी बात तीन प्रमुख बिंदुओं पर केंद्रित की। उन्होंने पहला सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछा, “आपने केंद्र से आरक्षण की सीमा बढ़ाने की मांग की थी। अब जब केंद्र और राज्य दोनों जगह आपकी सरकार है, तो उस पर क्या कार्रवाई हुई? अगर कुछ नहीं हुआ है, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 24 अप्रैल को बिहार दौरे के दौरान इसका जवाब देना चाहिए।”
‘विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे चिराग पासवान.. बिहार की जनता देना चाहती है बड़ी जिम्मेदारी’
दूसरे मुद्दे पर उन्होंने पूछा कि नीतीश सरकार ने 94 लाख परिवारों को दो-दो लाख रुपये देने का वादा किया था, लेकिन इसकी मौजूदा स्थिति क्या है? तीसरे सवाल में प्रशांत किशोर ने दलित-महादलित समुदाय के 39 लाख बेघर परिवारों के लिए एक लाख बीस हजार रुपये जारी करने की बात को उठाया और पूछा कि अब तक कितना पैसा जारी हुआ है?
दलित-महादलित के नाम पर धोखा?
प्रशांत किशोर ने सीएम नीतीश पर आरोप लगाया कि “दलित और महादलितों के नाम पर सिर्फ ठगी हो रही है।” उन्होंने कहा कि 50 लाख परिवारों को तीन डेसीमल जमीन देने की बात हुई थी, लेकिन अब तक न ज़मीन मिली, न कोई ठोस जानकारी सामने आई। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि 25 लाख एकड़ ज़मीन गरीबों को बांटे जाने के नाम पर चिन्हित की गई थी, लेकिन किसे बांटी गई, ये किसी को नहीं पता।
जातीय जनगणना और शिक्षा पर सवाल
उन्होंने जातीय जनगणना को लेकर कहा कि “500 करोड़ खर्च कर गणना की गई, लेकिन उसका उद्देश्य सामाजिक सुधार नहीं, राजनीतिक लाभ उठाना था। 5% से भी कम दलित-पिछड़े समाज के छात्र 12वीं तक की शिक्षा पूरी कर पा रहे हैं, तो क्या यही विकास है?”
पीएम मोदी और घोषणाओं पर निशाना
प्रशांत किशोर ने प्रधानमंत्री मोदी पर भी सीधा हमला बोला और कहा कि “पीएम के बिहार दौरे के लिए सरकारी खर्चे पर भीड़ इकट्ठा की जा रही है। 2014 से पीएम सिर्फ घोषणाएं करते आ रहे हैं। उनमें से कई घोषणाएं मैंने खुद लिखी थीं।” उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “मोतिहारी में चीनी मिल बनाने की घोषणा हुई थी, आज तक चीनी मिल नहीं बनी। जब चीनी से चाय बनेगी, तभी वोट मांगने आइएगा।”
11 मई से जनसुराज हस्ताक्षर अभियान
प्रेस वार्ता के अंत में प्रशांत किशोर ने ऐलान किया कि जनसुराज पार्टी 11 मई से ‘जनसुराज हस्ताक्षर अभियान’ की शुरुआत करेगी, जिसमें आम जनता से समर्थन मांगा जाएगा और सरकार के कामकाज पर सवाल उठाए जाएंगे।