लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ (वन नेशन, वन इलेक्शन) प्रस्ताव का समर्थन करते हुए इसे आधुनिक भारत की सख्त जरूरत बताया है। मंगलवार को लखनऊ में एक साक्षात्कार के दौरान उन्होंने कहा कि यह कदम देश के संसाधनों की बचत करेगा, जीडीपी पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा और श्रम की बचत के साथ-साथ देश की समृद्धि और विकास को गति देगा। दानिश आजाद अंसारी ने कहा, “एक राष्ट्र, एक चुनाव आज इस आधुनिक भारत की बहुत सख्त जरूरत है। समाज जब आगे बढ़ता है तो समाज की नई-नई जरूरतें सामने आती हैं। उन जरूरतों को पूरा करना एक जिम्मेदार सरकार की जिम्मेदारी है। वन नेशन वन इलेक्शन आने से निश्चित तौर पर हमारे देश के धन की बचत होगी, GDP पर भी अच्छा प्रभाव पड़ेगा, श्रम की बचत होगा देश की समृद्धि और विकास के लिए एक देश एक चुनाव बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है और इसका पूरे देश के लोगों द्वारा स्वागत किया जा रहा है।”
‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विधेयक का मौजूदा हाल
‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विधेयक को सितंबर 2024 में मोदी सरकार की कैबिनेट ने मंजूरी दी थी, और इसे दिसंबर 2024 में लोकसभा में पेश किया गया। इस विधेयक का मकसद देश भर में राष्ट्रीय और राज्य चुनावों को एक साथ कराना है, ताकि चुनावी खर्चों में कमी आए और विकास कार्यों में बाधा न आए। हालांकि, इस प्रस्ताव का विपक्षी दलों, खासकर इंडिया ब्लॉक ने कड़ा विरोध किया है। उनका तर्क है कि यह संघीय ढांचे को कमजोर करेगा और सरकार की जवाबदेही को कम कर सकता है। लोकसभा में इस विधेयक पर मतदान में 269 वोट इसके पक्ष में और 198 वोट इसके खिलाफ पड़े।
विपक्ष की आपत्ति और विशेषज्ञों की राय
पूर्व कानून मंत्री और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने इस विधेयक को ‘असंवैधानिक’ करार देते हुए इसे बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की एक ‘गलत सलाह’ और ‘असंगत पहल’ बताया। सिब्बल ने चेतावनी दी कि यह विधेयक मोदी सरकार को अस्थिर कर सकता है, खासकर 2024 के चुनावों में बीजेपी की सीटों में कमी (303 से 240) को देखते हुए, जो देश में बदलते राजनीतिक माहौल को दर्शाता है। विपक्षी दलों का कहना है कि यह कदम क्षेत्रीय दलों के लिए नुकसानदायक हो सकता है और यह मौजूदा बहुदलीय लोकतंत्र को एकदलीय व्यवस्था में बदलने की कोशिश है। कांग्रेस ने तो इसे ‘एक राष्ट्र, कोई चुनाव नहीं’ की ओर बढ़ने वाला कदम तक करार दिया है।
दानिश आजाद अंसारी का राजनीतिक सफर
दानिश आजाद अंसारी योगी आदित्यनाथ की दूसरी सरकार में एकमात्र मुस्लिम चेहरा हैं। बलिया जिले के बसंतपुर गांव के निवासी दानिश ने अपनी शुरुआती पढ़ाई बलिया से की और फिर लखनऊ विश्वविद्यालय से बीए और पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की। छात्र राजनीति के दौरान वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़े रहे और बाद में बीजेपी में सक्रिय हुए। 2022 में योगी 2.0 सरकार में उन्हें राज्य मंत्री के रूप में शामिल किया गया, जो एक आश्चर्यजनक कदम था, क्योंकि बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में किसी भी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया था। ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विधेयक को लेकर चर्चा अभी भी जारी है। लोकसभा ने इस विधेयक की जांच के लिए 39 सदस्यों वाली एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन किया है, जो संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024 और केंद्र शासित प्रदेश सरकार अधिनियम, 1963 में संशोधनों की समीक्षा करेगी। इस बीच, इस प्रस्ताव पर देश भर में बहस तेज हो गई है, जहां समर्थक इसे संसाधनों की बचत का रास्ता बता रहे हैं, वहीं आलोचक इसे लोकतंत्र और संघीय ढांचे के लिए खतरे के रूप में देख रहे हैं।