\जम्मू-कश्मीर एक बार फिर आतंकियों के निशाने पर है। मंगलवार के पहलगाम में आतंकियों (Pahalgam Terror Attack) ने बड़ी घटना को अंजाम दिया है। इस हमले में अबतक 26 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। आतंकियों ने एक आईबी ऑफिसर मनीष रंजन को उनके परिवार के सामने मौत के घाट उतार दिया। मृतक मनीष रंजन बिहार के रोहतास के रहने वाले थे, जो हैदराबाद कार्यालय के अनुभाग में तैनात थे। आईबी अधिकारी मनीष रंजन अपने परिवार के साथ लीव कंसेशन (LTC) यात्रा पर पहलगाम आए थे। मनीष अपने परिवार और अन्य टूरिस्टों के साथ मिनी स्विट्जरलैंड के नाम से पहचाने जाने वाले पहलगाम की बैसारन घाटी में थे, जब आतंकियों ने उन पर हमला किया।
मनीष रंजन की मौत की खबर सुनकर उनके गांव में सन्नाटा प्रसार गया परिवार वालों का रो-रो कर बुरा हाल है। परिवार वालों ने बताया कि उनकी मौत की खबर न्यूज़ में हम लोगों ने देखी कि आतंकवादियों ने उन्हें गोली मार दी है इससे उनकी मौत हो गई है। मनीष रंजन तीन भाइयों में सबसे बड़े भाई थे। मनीष के पिता मंगलेश मिश्रा स्कूल में शिक्षक हैं। परिवार वालों की माने तो, 2010 में मनीष की शादी हुई थी। 12 साल का बड़ा बेटा है और 8 साल की लड़की है।
वहीं मनीष के चाचा आलोक प्रियदर्शी ने बताया- ‘मैं भी मनीष के परिवार के साथ कश्मीर जाने वाले थे, लेकिन तबीयत खराब होने की वजह से नहीं जा सका। हम भारत सरकार से न्याय चाहते हैं। बताते चले कि मनीष 3 भाइयों में सबसे बड़े थे। उनके पिता डॉक्टर मंगलेश कुमार मिश्र पश्चिम बंगाल के झालदा में इंटरमीडिएट कॉलेज में शिक्षक थे। वे रिटायर होने के बाद वे परिवार के साथ झालदा में ही रहते हैं। मनीष का शव आज झालदा लाया जा सकता है। यहीं उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
मनीष की मौत पर लोजपा रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने शोक व्यक्त किया है. उन्होंने एक्स पर लिखा है- रोहतास, बिहार के सपूत और इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के अधिकारी मनीष रंजन की पहलगाम में हुए आतंकी हमले में निर्मम हत्या की खबर से हृदय बेहद व्यथित है। वे अपने परिवार के साथ छुट्टियों पर थे- पर आतंक ने हमसे एक अफसर ही नहीं, एक बेटा, एक पिता और एक पति भी छीन लिया। ईश्वर से प्रार्थना है कि वह उनके परिजनों को यह अपार दुःख सहने की शक्ति दे। राष्ट्र उनकी सेवा और स्मृति को शत्-शत् नमन करता है, और इस कठिन घड़ी में उनके परिवार के साथ पूरी मजबूती से खड़ा है।