रांची: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की तारीफ करने वाले एक व्यक्ति को झारखंड के बोकारो से गिरफ्तार किया गया है। बोकारो के बालिडीह में रहने वाले 35 वर्षीय मोहम्मद नौशाद ने सोशल मीडिया पर इस हमले के लिए पाकिस्तान और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का धन्यवाद देते हुए एक पोस्ट साझा की थी, जिसके बाद उसकी गिरफ्तारी हुई। इस घटना ने पूरे देश में आक्रोश पैदा कर दिया है।
पहलगाम हमले ने देश को झकझोरा
मंगलवार 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में पहलगाम के बाइसरण मीडोज में आतंकियों ने एक भीषण हमला किया, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई, जिनमें दो विदेशी पर्यटक भी शामिल थे। आतंकियों ने स्वचालित राइफलों और छोटे हथियारों से हमला किया, जिसकी देश-विदेश में कड़ी निंदा हुई। अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस ने भी इस हमले के पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त की। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को घटनास्थल का दौरा किया और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के निर्देश दिए।
सोशल मीडिया पोस्ट से भड़का विवाद
इस हमले से जहां पूरा देश शोक में डूबा हुआ है, वहीं बोकारो के मोहम्मद नौशाद ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में इस हमले की तारीफ करते हुए लिखा, “थैंक यू पाकिस्तान, थैंक यू लश्कर-ए-तैयबा। अल्लाह आपको हमेशा खुश रखे।” उसने आगे लिखा, “आमीन, आमीन। अगर आरएसएस, बीजेपी, बजरंग दल और मीडिया को निशाना बनाया जाए तो हम और खुश होंगे।” पोस्ट में स्माइली इमोजी भी शामिल थे। नौशाद पर कई अन्य आपत्तिजनक और भड़काऊ पोस्ट करने का भी आरोप है। सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने इस पोस्ट की शिकायत की और झारखंड पुलिस को टैग कर कार्रवाई की मांग की।
पुलिस ने दिखाई तत्परता
शिकायतों के बाद बोकारो पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए बुधवार सुबह नौशाद को गिरफ्तार कर लिया। बोकारो के एसपी मनोज स्वर्गियारी ने एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया, जिसमें पुलिस की तकनीकी शाखा भी शामिल थी। पुलिस के अनुसार, नौशाद ने बिहार के एक मदरसे से शिक्षा प्राप्त की है और उसका एक भाई दुबई में रहता है। वह अपने पिता के साथ बोकारो में रहता था।
नेताओं ने की कार्रवाई की सराहना, लेकिन उठाए सवाल
झारखंड के वरिष्ठ बीजेपी नेता अमर कुमार बाउरी ने इस घटना पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा, “देश जहां पहलगाम हमले से स्तब्ध है, वहीं हमारे बीच ऐसे लोग पल रहे हैं जो देश की पीड़ा पर जश्न मनाते हैं। बोकारो पुलिस ने तत्परता दिखाकर इस देशद्रोही तत्व को गिरफ्तार किया, जिसके लिए वह प्रशंसा की पात्र है।” हालांकि, उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर ऐसी सोच को संरक्षण कहां से मिल रहा है। बाउरी ने झारखंड सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में देशविरोधी मानसिकता को बढ़ावा मिल रहा है, जो चिंता का विषय है।
यह घटना झारखंड में बढ़ती देशविरोधी गतिविधियों की ओर इशारा करती है। हाल के वर्षों में राज्य में संगठित अपराध और वामपंथी उग्रवाद की घटनाएं बढ़ी हैं। इसके अलावा, 2020 से अब तक 10,000 से अधिक आदिवासी समुदाय के लोगों पर राजद्रोह के मामले दर्ज किए गए हैं, जैसा कि ह्यूमन राइट्स वॉच ने अपनी रिपोर्ट में बताया। यह घटना राज्य में सुरक्षा और शासन से जुड़े गहरे मुद्दों को उजागर करती है।
आम जनता में आक्रोश
इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने अपनी नाराजगी जाहिर की है। एक यूजर ने लिखा, “ऐसे लोगों को सख्त सजा मिलनी चाहिए, जो देश के खिलाफ जहर उगलते हैं।” वहीं, कई लोगों ने सरकार से इस तरह की मानसिकता को बढ़ावा देने वाले तत्वों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है।
पहलगाम हमले और नौशाद की पोस्ट ने एक बार फिर देश में सुरक्षा और एकता के सवालों को खड़ा कर दिया है। इस मामले में आगे की जांच जारी है।