मुर्शिदाबाद: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और बहरमपुर से पूर्व सांसद अधीर रंजन चौधरी ने शुक्रवार को पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को अपने सैन्य बयानबाजी पर लगाम लगाने और आतंकवादियों को किसी भी स्थिति में पनपने का मौका नहीं देना चाहिए। चौधरी ने यह बयान मुर्शिदाबाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिया, जहां उन्होंने हाल ही में कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी।
चौधरी ने कहा, “समाधान का रास्ता हमारे देश की तरफ से हर समय दिया जाता है। लेकिन पाकिस्तान को अपनी सैन्य भाषणबाजी पर नियंत्रण करना होगा। उनकी सरकार को आतंकवादियों को पनपने का कोई मौका नहीं देना चाहिए। हमारी मांग है कि जिन आतंकवादियों ने इस तरह के कायराना हमले किए हैं, उन्हें पकड़कर भारत को सौंपा जाए। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो भारत चुप नहीं बैठेगा। देशवासी चाहते हैं कि भारत इस तरह की हरकतों का मुंह तोड़ जवाब दे।”
पहलगाम हमले के बाद बढ़ा तनाव
यह बयान ऐसे समय में आया है, जब हाल ही में कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। 22 अप्रैल को बाइसरण मीडो में हुए इस हमले में 25 भारतीय नागरिकों और एक नेपाली नागरिक की मौत हो गई थी, जबकि कई अन्य घायल हुए थे। यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद कश्मीर में हुए सबसे घातक हमलों में से एक माना जा रहा है। हमले की जिम्मेदारी द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है, जो पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का एक हिस्सा माना जाता है।
भारत की सख्त कार्रवाई
पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। विदेश मंत्रालय ने घोषणा की है कि 27 अप्रैल 2025 से पाकिस्तानी नागरिकों के लिए जारी सभी भारतीय वीजा रद्द कर दिए जाएंगे। इसके साथ ही, भारत ने 1960 के सिंधु जल संधि को भी निलंबित करने का फैसला किया है, जब तक कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम नहीं उठाता। भारत ने अटारी चेक पोस्ट को भी बंद कर दिया है, जिसे सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत कदम माना जा रहा है।
मुर्शिदाबाद में तनाव का माहौल
चौधरी का यह बयान मुर्शिदाबाद में हाल के तनावपूर्ण माहौल के बीच आया है। हाल ही में वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान यहां हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी। इस हिंसा के बाद केंद्रीय बलों को तैनात किया गया है और 150 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस घटना ने स्थानीय स्तर पर राजनीतिक अस्थिरता को बढ़ा दिया है, जिसके बीच चौधरी का यह बयान राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे को और गंभीर बनाता है।
विपक्ष का सरकार पर हमला
कांग्रेस के शीर्ष नेता राहुल गांधी ने भी केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 2019 में कश्मीर की विशेष स्थिति खत्म करने के बाद सरकार के “सामान्य स्थिति” के दावे खोखले साबित हुए हैं। उन्होंने कहा, “पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है। सरकार को इस मुद्दे पर सभी दलों के साथ मिलकर ठोस कदम उठाने चाहिए।”
पहलगाम हमले और उसके बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव ने एक बार फिर दोनों देशों के रिश्तों को वैश्विक सुर्खियों में ला दिया है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी इस घटना पर नजर रखे हुए है, जिसमें संयुक्त अरब अमीरात और फ्रांस जैसे देशों ने हमले की निंदा करते हुए भारत के साथ एकजुटता दिखाई है।
संपादकीय टिप्पणी:
पहलगाम हमला और उसके बाद भारत की सख्त कार्रवाई यह दर्शाती है कि सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे पर अब भारत किसी भी तरह की नरमी बरतने के मूड में नहीं है। अधीर रंजन चौधरी का बयान इस बात का संकेत है कि विपक्ष भी इस मुद्दे पर सरकार के साथ मजबूती से खड़ा है। हालांकि, मुर्शिदाबाद में स्थानीय हिंसा और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों का यह संगम यह भी दिखाता है कि भारत को आंतरिक और बाहरी दोनों चुनौतियों से एक साथ निपटना होगा।