बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जन सुराज ने सरकार को घेरने का पूरा प्लान बना लिया है। प्रशांत किशोर की पार्टी 11 मई से हस्ताक्षर अभियान चलाने वाली है जिसकी शुरुआत नीतीश कुमार के पैत्रिक गांव कल्याण बिगहा (नालंदा) से की जाएगी। प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में विकास का दावा करने वाली एनडीए सरकार के मुखिया नीतीश कुमार के गांव में कितना काम हुआ है।
हरनौत की जनसभा में भाग लेने के लिए जनसुराज अभियान के तहत पहली बार नालंदा पहुंचे प्रशांत किशोर ने कहा कि नालंदा के बहुत सारे लोग जन सुराज में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि 11 मई से जो हस्ताक्षर अभियान जन सुराज शुरू करने वाला है उसके तीन महत्वपूर्ण बिंदु हैं जोह नीतीश कुमार के कार्यों से जुड़े हुए हैं। जातीय गणना के बाद उन्होंने कहा था कि गरीब परिवारों को चिन्हित करके उन्हें आर्थिक सहायता दी जाएगी।
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करीब 94 लाख परिवारों को दो लाख प्रति परिवार देने की घोषणा की गई थी। दो बजट बीत जाने के बाद भी किसी को राशि नहीं मिली। जन सुराज नीतीश कुमार के गांव में कितने लोगों को इसका लाभ मिला, इसकी सच्चाई का पता लगाना है। फिर पूरे राज्य में इस योजना के कार्यन्वयन की स्थिति का जायजा लेकर लोगों का हस्ताक्षर सरकार को भेजा जाएगा।
प्रशांत किशोर ने कहा कि 2006 में नीतीश कुमार ने दलित और महादलित समाज के घर विहीन पर परिवारों को तीन डिस्मिल जमीन देकर घर बनवाने की बात कही थी। बाद में जब जीतन राम मांझी मुख्यमंत्री बने तो पांच डिस्मिल कर दिया। लेकिन अधिकांश परिवारों को इसका लाभ नहीं मिला। लाखों ऐसे लोग हैं जिन्हें कागजों पर ही जमीन दी गयी। उन्हें पर्चा तो दे दिया गया लेकिन जमीन पर दखल कब्जा नहीं दिलाया जा सका। देखना है कि नीतीश कुमार के अपने गांव में कितने दलित, महादलित परिवारों को इसका लाभ मिला।