जम्मू: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले को लेकर जम्मू-कश्मीर विधानसभा का एक विशेष सत्र आयोजित किया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि इस घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। उन्होंने बताया कि पिछले 26 वर्षों में पहली बार उन्होंने लोगों को इस तरह सड़कों पर उतरकर हमले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते देखा है।
सीएम अब्दुल्ला ने विधानसभा में अपने संबोधन में कहा, “हम में से कोई भी इस हमले के साथ नहीं है। इस हमले ने हमें अंदर से खोखला कर दिया है। कठुआ से लेकर कुपवाड़ा तक, शायद ही कोई ऐसा शहर या गांव होगा जहां लोगों ने अपने घरों से बाहर निकलकर इस आतंकी कृत्य की निंदा न की हो।”
यह हमला 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम के बैसारन मीडो में हुआ था, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी, जिनमें कई पर्यटक भी शामिल थे। यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद क्षेत्र में सबसे घातक आतंकी घटनाओं में से एक माना जा रहा है। इस घटना के बाद पूरे जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया गया है। खुफिया जानकारी के अनुसार, क्षेत्र में 14 स्थानीय आतंकवादी सक्रिय हैं, और श्रीनगर पुलिस आतंकी सहयोगियों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर रही है।
राष्ट्रीय स्तर पर भी इस हमले की गूंज सुनाई दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले के बाद कड़ा रुख अपनाते हुए आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। वहीं, लंदन में भारतीय समुदाय और प्रवासी भारतीयों ने पाकिस्तान उच्चायोग के बाहर प्रदर्शन कर इस हमले की निंदा की और पीड़ितों के लिए न्याय की मांग की।
इसके अलावा, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने जम्मू-कश्मीर के आरएस पुरा सेक्टर में एक विशेष बीटिंग रिट्रीट समारोह आयोजित कर हमले में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि दी। इस हमले ने न केवल जम्मू-कश्मीर बल्कि पूरे देश में आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता को मजबूत करने का काम किया है।
जम्मू-कश्मीर सरकार ने पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजे की घोषणा की है, जिसमें कोलकाता और पुरुलिया के तीन पीड़ितों के परिवार शामिल हैं। इस घटना के बाद केंद्र सरकार ने भी दिल्ली में कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा के लिए एक उच्च-स्तरीय बैठक की।
उमर अब्दुल्ला, जो हाल ही में 2024 के विधानसभा चुनावों के बाद जम्मू-कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री बने हैं, ने इस हमले को क्षेत्र की शांति और पर्यटन के लिए एक बड़ा झटका बताया। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों से मिलकर आतंकवाद के खिलाफ और प्रभावी कदम उठाने की अपील की।
यह घटना जम्मू-कश्मीर में बदलते हालात को दर्शाती है, जहां आम लोग अब आतंकवाद के खिलाफ खुलकर अपनी आवाज उठा रहे हैं। आने वाले दिनों में इस हमले के बाद सुरक्षा बलों की कार्रवाई और तेज होने की संभावना है।