कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज दीघा में नवनिर्मित जगन्नाथ मंदिर के उद्घाटन और भव्य महायज्ञ की तैयारियों का जायजा लिया। यह मंदिर, जो 30 अप्रैल 2025 को आम भक्तों के लिए खोला जाएगा, राज्य सरकार की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिसकी नींव 2018 में रखी गई थी। इस परियोजना पर अब तक 250 करोड़ रुपये से अधिक खर्च हो चुके हैं, और यह मंदिर ओडिशा के पुरी जगन्नाथ मंदिर की तर्ज पर बनाया गया है।
ममता बनर्जी ने दीघा में मंदिर परिसर का दौरा किया और तैयारियों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि उद्घाटन समारोह को भव्य और सुव्यवस्थित बनाया जाए। मंदिर परिसर में 29 अप्रैल को एक महायज्ञ (हवन) का आयोजन भी होगा, जिसमें हजारों भक्तों के शामिल होने की उम्मीद है। उद्घाटन के बाद मंदिर से पहली रथ यात्रा भी निकाली जाएगी, जिसमें मुख्यमंत्री स्वयं हिस्सा लेंगी।
यह मंदिर दीघा रेलवे स्टेशन के पास 22 एकड़ भूमि पर बनाया गया है, क्योंकि समुद्र तट पर पुराने जगन्नाथ मंदिर की जगह नया निर्माण पर्यावरण नियमों के कारण संभव नहीं हो सका। मंदिर का विमान 65 मीटर ऊंचा है और इसे कलिंग शैली में बनाया गया है। यहां भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की मूर्तियां स्थापित की गई हैं।
ममता बनर्जी ने बताया कि मंदिर का मुख्य प्रवेश द्वार “चैतन्यद्वार” कहलाएगा और परिसर का नाम “चैतन्यद्वार जगन्नाथ धाम” रखा गया है।
इस मंदिर को पर्यटन और आध्यात्मिक केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना है, जिससे स्थानीय कारीगरों और व्यवसायियों को भी लाभ होगा। ममता बनर्जी ने कहा, “यह मंदिर आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्थायी धरोहर होगा। इसे बहुत खूबसूरती से बनाया गया है, और मुझे विश्वास है कि यह भक्तों के लिए आस्था का एक बड़ा केंद्र बनेगा।”
हालांकि, इस आयोजन के बीच राजनीतिक तनाव भी देखने को मिल रहा है। विपक्षी दल बीजेपी ने ममता बनर्जी पर मंदिर उद्घाटन को “वोट बैंक की राजनीति” करार देते हुए निशाना साधा है। बीजेपी का आरोप है कि ममता बनर्जी अयोध्या में राम मंदिर की तर्ज पर हिंदू वोटों को लुभाने की कोशिश कर रही हैं, खासकर तब जब पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। बीजेपी नेताओं ने इसे ममता बनर्जी की अल्पसंख्यक तुष्टिकरण की नीति से ध्यान हटाने की रणनीति बताया है।
दूसरी ओर, ममता बनर्जी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह मंदिर राज्य की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान को मजबूत करने का प्रयास है। दीघा में उद्घाटन समारोह के लिए भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई है, ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोका जा सके।
इस मंदिर के खुलने से दीघा को एक प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में नई पहचान मिलने की उम्मीद है, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देगा। भक्तों और पर्यटकों के लिए मंदिर परिसर में अतिथि आवास और अन्य सुविधाओं की भी व्यवस्था की गई है।