रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मंगलवार को रायपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर चल रहे अब तक के सबसे बड़े नक्सल विरोधी अभियान की जानकारी साझा की। इस अभियान में बीजापुर जिले में कम से कम 5 नक्सलियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। मुख्यमंत्री ने इस ऑपरेशन में शामिल सुरक्षा बलों की सराहना करते हुए कहा, “हम सभी विभागों की समीक्षा बैठकें करते रहते हैं। मैंने अभी छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर चल रहे सबसे बड़े नक्सल ऑपरेशन के बारे में जानकारी ली है। हम वहां की स्थिति को संभालने के लिए सुरक्षा बलों को धन्यवाद देना चाहते हैं।”
20,000 सुरक्षाकर्मी, 1,000 नक्सलियों को घेरा
सूत्रों के अनुसार, इस ऑपरेशन में 20,000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों ने बीजापुर के जंगलों में करीब 1,000 नक्सलियों को घेर लिया है। इंडिया टुडे की 24 अप्रैल 2025 की रिपोर्ट के मुताबिक, यह अभियान नक्सलियों के खिलाफ एक निर्णायक कार्रवाई का हिस्सा है, जिसमें अब तक 5 नक्सलियों के मारे जाने की खबर है। यह ऑपरेशन केंद्र सरकार के उस लक्ष्य का हिस्सा है, जिसमें 31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म करने का संकल्प लिया गया है। गृह मंत्री अमित शाह ने पहले भी इस लक्ष्य को दोहराया है।
विष्णु देव साय, जो कंवर आदिवासी समुदाय से आते हैं और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता हैं, छत्तीसगढ़ के चौथे मुख्यमंत्री के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शिक्षा और सार्वजनिक कल्याण पर विशेष ध्यान दिया है। उनके नेतृत्व में नक्सल विरोधी अभियानों में तेजी आई है। फ्रंटलाइन की फरवरी 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में 287 नक्सलियों को मार गिराया गया, जो 2023 में मारे गए 20 नक्सलियों की तुलना में कहीं अधिक है।
हालांकि, इस बड़े पैमाने के अभियान ने आदिवासी अधिकार कार्यकर्ताओं के बीच चिंता भी बढ़ा दी है। फ्रंटलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, छत्तीसगढ़ के पांचवीं अनुसूची क्षेत्रों में सैन्यीकरण में वृद्धि हुई है। जहां साल 2000 में केवल 5 अर्धसैनिक बटालियन तैनात थीं, वहीं अब यह संख्या बढ़कर 60 हो गई है। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि इन अभियानों के दौरान आदिवासी समुदायों के अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है और सरकार नक्सलियों के साथ शांति वार्ता शुरू करने में विफल रही है।
केंद्र और छत्तीसगढ़ सरकार नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। 2024 में, 287 नक्सलियों को मार गिराने के अलावा, लगभग 1,000 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया और 837 ने आत्मसमर्पण किया। गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले साल दिसंबर में कहा था कि चार दशकों में पहली बार नक्सल हिंसा में मरने वाले नागरिकों और सुरक्षाकर्मियों की संख्या 100 से नीचे आई है।
यह ऑपरेशन न केवल नक्सलवाद के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई है, बल्कि छत्तीसगढ़ में शांति और विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी माना जा रहा है। हालांकि, आदिवासी समुदायों के हितों और अधिकारों को संतुलित करने की चुनौती अभी भी बनी हुई है।