अमरावती : आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी के विवादास्पद बयान पर कड़ा जवाब दिया है। बिलावल ने भारत द्वारा इंडस वाटर ट्रीटी (आईडब्ल्यूटी) निलंबित करने के बाद “खून की नदियां बहने” की धमकी दी थी, जिसके जवाब में पवन कल्याण ने कहा, “उन्हें याद दिलाना चाहिए कि उन्होंने पिछले तीन युद्ध कैसे हारे थे। अगर जरूरत पड़ी कि वे खून बहाना चाहते हैं, तो मुझे लगता है कि हम अपने देश के लिए अपना खून बहाएंगे।”
पवन कल्याण ने आगे कहा, “मुझे लगता है कि किसी भी समझदार नेता, एक बड़ी जिम्मेदारी वाले नेता को ऐसी बात नहीं कहनी चाहिए। उन्हें अपने देश के अतीत की याद दिलानी चाहिए।” उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच हुए 1947, 1965 और 1971 के युद्धों का जिक्र करते हुए भारत की सैन्य ताकत और आतंकवाद के खिलाफ उसकी दृढ़ता को रेखांकित किया।
पहलगाम हमले का पृष्ठभूमि
यह बयान 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद आया है, जिसमें 26 पर्यटकों की जान चली गई थी। भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान समर्थित “सीमा पार आतंकवाद” को जिम्मेदार ठहराया है, जबकि पाकिस्तान ने इन आरोपों से इनकार किया है। हमले के बाद भारत ने 23 अप्रैल को इंडस वाटर ट्रीटी को निलंबित कर दिया, जिसे 1960 में दोनों देशों के बीच जल बंटवारे के लिए हस्ताक्षरित किया गया था। इस संधि के तहत भारत को तीन पूर्वी नदियों (ब्यास, रावी और सतलुज) और पाकिस्तान को तीन पश्चिमी नदियों (सिंधु, चिनाब और झेलम) के पानी का नियंत्रण प्राप्त है।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और भारत का जवाब
बिलावल भुट्टो के बयान से पहले, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने 26 अप्रैल को हमले की “तटस्थ जांच” की पेशकश की थी। हालांकि, भारत ने इस हमले के बाद कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू की, जिसमें आतंकियों के घरों को ध्वस्त करना, उनके ठिकानों पर छापेमारी और सैकड़ों संदिग्धों को हिरासत में लेना शामिल है। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी बिलावल के बयान की निंदा करते हुए उन्हें “अपनी मानसिक स्थिति जांचने” की सलाह दी थी।
आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता
पहलगाम हमले के बाद भारत और विश्व भर में रहने वाले भारतीय समुदाय ने आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाई है। लंदन में पाकिस्तान उच्चायोग के बाहर भारतीय डायस्पोरा ने विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने हमले की निंदा की और पीड़ितों के लिए न्याय की मांग की। वहीं, जम्मू-कश्मीर के आरएस पुरा सेक्टर में बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) ने एक विशेष समारोह आयोजित कर हमले में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि दी।
प्रसिद्ध अभिनेता से राजनेता बने पवन कल्याण ने इस मौके पर देशभक्ति और आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख को मजबूती से सामने रखा। यह घटना भारत-पाकिस्तान संबंधों में बढ़ते तनाव को दर्शाती है, खासकर कश्मीर और जल बंटवारे जैसे संवेदनशील मुद्दों पर।