देवरिया: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को देवरिया में एक जनसभा को संबोधित करते हुए हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) और उसके नेताओं पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के उस बयान की कड़ी आलोचना की, जिसमें उन्होंने पहलगाम हमले में मारे गए कानपुर के शुभम द्विवेदी के परिवार से मिलने न जाने के सवाल पर कहा था, “वो हमारी पार्टी का थोड़ी था।”
सीएम योगी ने इस बयान को “दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक” करार देते हुए कहा, “पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद समाजवादी पार्टी के नेताओं के बयान सुनकर कई बार यह समझना मुश्किल हो जाता है कि ये सपा के नेता बोल रहे हैं या पाकिस्तान का कोई प्रवक्ता। जब पत्रकारों ने अखिलेश यादव से पूछा कि आप शुभम द्विवेदी के परिवार से मिलने क्यों नहीं गए, तो उन्होंने ऐसा जवाब दिया। यह कितना शर्मनाक है कि एक शहीद के प्रति ऐसी सोच रखी जाए।”
उन्होंने आगे कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में देश को एकजुट होने की जरूरत है। “आतंकवाद के खिलाफ भारत की यह लड़ाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 140 करोड़ भारतीयों को एक स्वर में लड़नी चाहिए। हमें किसी भी तरह की राजनीति से ऊपर उठकर आतंकवाद का मुकाबला करना होगा,” योगी ने जोर देकर कहा।
गौरतलब है कि 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बाइसारन मीडो में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी, जिसमें कानपुर के शुभम द्विवेदी भी शामिल थे। शुभम की शादी को अभी दो महीने ही हुए थे। इस हमले के बाद सीएम योगी ने 24 अप्रैल को शुभम के परिवार से मुलाकात की थी और आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया था।
बीजेपी का सपा पर हमला
इससे पहले बीजेपी ने भी अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए लखनऊ में पोस्टर लगाए थे, जिसमें सवाल किया गया था कि अखिलेश यादव ने शुभम द्विवेदी के परिवार से मिलने में उदासीनता क्यों दिखाई, जबकि वे अपराधी मुख्तार अंसारी की मौत पर शोक जताने पहुंच गए थे। पोस्टर में लिखा था, “शर्म करो अखिलेश यादव जी। हिंदुओं से इतनी नफरत क्यों?”
आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति
सीएम योगी ने अपने संबोधन में केंद्र सरकार की आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि इस हमले के जिम्मेदार आतंकियों और उनके समर्थकों को बख्शा नहीं जाएगा। गौरतलब है कि पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा बलों ने जम्मू-कश्मीर में आतंकियों और उनके समर्थकों के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू की है, जिसमें संदिग्धों के घरों को ध्वस्त करना और सैकड़ों ओवरग्राउंड वर्कर्स को हिरासत में लेना शामिल है।
इस घटना ने एक बार फिर आतंकवाद के मुद्दे पर राजनीतिक बहस को तेज कर दिया है, जिसमें बीजेपी और विपक्षी दलों के बीच तीखी बयानबाजी देखने को मिल रही है।