अटारी, पंजाब: भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। इसी कड़ी में, अटारी बॉर्डर के रास्ते पाकिस्तान लौट रही एक पाकिस्तानी नागरिक मुफ़्ज़ला ने अपनी आपबीती साझा की, जिसमें उन्होंने अपनी पीड़ा और मजबूरी को बयां किया।
मुफ़्ज़ला ने बताया कि वह मूल रूप से मुज़फ़्फ़राबाद (पाकिस्तान) की रहने वाली हैं और उनकी शादी छह साल पहले जम्मू-कश्मीर के बारामुल्ला में हुई थी। उनके दो बच्चे भारत में ही पैदा हुए हैं और वे पिछले छह सालों से लॉन्ग टर्म वीजा के जरिए कानूनी तौर पर भारत में रह रहे थे। मुफ़्ज़ला ने कहा, “हम पिछले तीन सालों से लॉन्ग टर्म वीजा के लिए आवेदन दे रहे थे, लेकिन इसे कभी स्वीकार नहीं किया गया। अचानक परसों हमें देश छोड़ने का आदेश दे दिया गया।”
उन्होंने पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा, “पहलगाम में जो हुआ, वह एक आतंकवादी गतिविधि थी। इस हमले में निर्दोष लोगों की जान गई है और आतंकवादियों को सजा मिलनी चाहिए। लेकिन हमें क्यों सजा दी जा रही है? हम अपने घर (भारत) वापस जाना चाहते हैं।”
22 अप्रैल, 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की मौत हो गई थी, जो पिछले दो दशकों में इस क्षेत्र में नागरिकों पर हुआ सबसे भीषण हमला माना जा रहा है। इसके जवाब में भारत सरकार ने कई कड़े कदम उठाए, जिसमें पाकिस्तानी नागरिकों के सभी वीजा (लॉन्ग टर्म, डिप्लोमैटिक और ऑफिशियल वीजा को छोड़कर) 27 अप्रैल से रद्द कर दिए गए। साथ ही, मेडिकल वीजा की वैधता 29 अप्रैल तक सीमित कर दी गई। भारत ने अटारी-वाघा बॉर्डर को भी बंद कर दिया और पाकिस्तानी नागरिकों को 1 मई तक देश छोड़ने का निर्देश दिया।
गृह मंत्रालय के निर्देश पर, सभी राज्यों को अपने क्षेत्रों में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान कर उनकी तुरंत डिपोर्टेशन की प्रक्रिया शुरू करने को कहा गया। इस बीच, अटारी बॉर्डर पर पिछले कुछ दिनों में सैकड़ों पाकिस्तानी नागरिक भारत छोड़कर जा चुके हैं।
पाकिस्तानी नागरिकों के लिए भारत में वीजा प्रक्रिया पहले से ही जटिल रही है। भारतीय उच्चायोग की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, पाकिस्तानी मूल के लोगों के लिए वीजा प्रक्रिया में 15 से 90 दिनों का समय लग सकता है, क्योंकि गृह मंत्रालय से पूर्व मंजूरी अनिवार्य है। ऐसे में, मुफ़्ज़ला जैसे कई लोगों को वीजा रद्द होने या आवेदन खारिज होने की स्थिति में मजबूरन अपने परिवारों के साथ भारत छोड़ना पड़ रहा है।
पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। भारत ने 1960 के सिंधु जल समझौते को निलंबित कर दिया है, जबकि पाकिस्तान ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए भारतीय नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए और अपने हवाई क्षेत्र को भारतीय उड़ानों के लिए बंद कर दिया। इस घटनाक्रम ने दोनों देशों के बीच पहले से ही तनावपूर्ण रिश्तों को और जटिल बना दिया है।