अंबाला: हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने आज अंबाला में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यशैली की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना को पूरी ऑपरेशनल आजादी दी है, जिससे सेना अपने विवेक से कार्रवाई कर सके। विज ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी का काम करने का तरीका ऐसा है कि वे अधिकारियों को अपने विवेक से काम करने का मौका देते हैं। इसी तरह उन्होंने सेना को भी अपने विवेक से कार्रवाई करने की छूट दी है। पूरी दुनिया देखेगी कि सेना पाकिस्तान को कैसे सबक सिखाती है।”
यह बयान ऐसे समय में आया है जब पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। 22 अप्रैल को हुए इस हमले में 26 लोगों की जान गई थी, जिसके बाद भारत ने कड़ा रुख अपनाते हुए कई बड़े कदम उठाए। सरकार ने इंडस वाटर ट्रीटी को स्थगित कर दिया, पाकिस्तान के साथ कूटनीतिक संबंधों को कम किया, वीजा रद्द किए और अटारी-वाघा बॉर्डर को बंद कर दिया। पीएम मोदी ने हमले के बाद सख्त संदेश देते हुए कहा था कि भारत हर आतंकी और उनके समर्थकों को ढूंढकर सजा देगा, चाहे वे कहीं भी हों।
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, पीएम मोदी ने मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवल और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ एक बैठक की थी। सूत्रों के हवाले से बताया गया कि पीएम ने सेना को “कार्रवाई के तरीके, लक्ष्य और समय” चुनने की पूरी आजादी दी है। यह रणनीति भारत की ‘कोल्ड स्टार्ट’ सैन्य नीति से प्रेरित है, जिसका मकसद त्वरित जवाबी कार्रवाई करना है, लेकिन परमाणु युद्ध की स्थिति से बचना है।
विश्लेषकों का मानना है कि भारत इस तनाव के बीच आधुनिक युद्ध की तकनीकों पर ध्यान दे रहा है। इसमें सटीक मिसाइल हमले, साइबर हमले और ड्रोन स्वार्म्स का इस्तेमाल शामिल है। भारत का लक्ष्य पाकिस्तान को सबक सिखाना है, लेकिन परमाणु टकराव से बचना भी प्राथमिकता है। हाल के वर्षों में ड्रोन युद्ध की बढ़ती भूमिका को देखते हुए भारत भी इस क्षेत्र में अपनी क्षमताओं को बढ़ा रहा है।
अनिल विज का यह बयान सोशल मीडिया और राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। जहां कुछ लोग इसे सरकार के सख्त रुख के समर्थन में देख रहे हैं, वहीं कुछ विपक्षी नेता इसे आलोचना का आधार बना रहे हैं। कांग्रेस प्रवक्ता संजय झा ने कहा, “यह बयान बीजेपी की उस मानसिकता को दर्शाता है जो व्यक्तित्व पूजा को बढ़ावा देती है।”
इस बीच, बुधवार को कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) की दूसरी बैठक बुलाई गई है, जिसमें आगे की रणनीति पर चर्चा होगी। भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी इस स्थिति पर नजर बनाए हुए है।