जातीय जनगणना (Caste Census) को राष्ट्रीय जनगणना में शामिल करने के केंद्र सरकार के फैसले के बाद राष्ट्रीय जनता दल (RJD) में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। पटना में पार्टी कार्यालय पर तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने पार्टी नेताओं के साथ आतिशबाजी कर खुशी जताई और इसे “30 साल की लड़ाई की जीत” बताया।
“ये सिर्फ फैसला नहीं, सोच की जीत है” – Tejashwi Yadav
RJD नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने इस फैसले को ऐतिहासिक करार देते हुए कहा कि जातीय गणना की मांग सबसे पहले लालू प्रसाद यादव ने 30 साल पहले उठाई थी। “जब मैं डिप्टी सीएम बना, तब हमने बिहार में यह काम पूरा किया। देशभर में भी हमने इसे उठाया, लेकिन प्रधानमंत्री ने मना कर दिया था। आज उन्हें भी हमारी लाइन पर आना पड़ा, ये हमारे एजेंडे की जीत है,” तेजस्वी ने कहा।
Caste Census के बाद क्या?
तेजस्वी ने आगे कहा कि केवल जातीय जनगणना कराना ही काफी नहीं, अब अगला कदम सीटों का परिसीमन है। उनका कहना है कि जैसे अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए सीट आरक्षित होती हैं, वैसे ही पिछड़ों और अति पिछड़ों को भी उचित प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए।
तेजस्वी ने कहा कि जातीय आंकड़ों के आधार पर बजट और नीति बननी चाहिए, ताकि हाशिये के समुदायों को असली लाभ मिले। तेजस्वी ने इस मौके पर घोषणा की कि आने वाले विधानसभा चुनावों में RJD की मांग होगी कि पिछड़े वर्गों को सीटों में आरक्षण दिया जाए। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई अब सिर्फ जातीय गिनती की नहीं, राजनीतिक और आर्थिक हिस्सेदारी की है।