नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले को लेकर अमेरिका ने भारत के प्रति अपनी गहरी संवेदना और समर्थन व्यक्त किया है। अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने गुरुवार को अपने भारतीय समकक्ष रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से फोन पर बात की और इस हमले में मारे गए निर्दोष नागरिकों की मौत पर शोक जताया।
पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए इस नृशंस आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी, जिसमें पर्यटक भी शामिल थे। इस हमले ने एक बार फिर जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खतरे को उजागर किया है। अमेरिकी रक्षा मंत्री हेगसेथ ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका भारत के साथ मजबूती से खड़ा है और भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का पूरा समर्थन करता है। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में अमेरिकी सरकार के मजबूत समर्थन को दोहराया।
रक्षा मंत्रालय के कार्यालय से जारी बयान में कहा गया कि दोनों नेताओं ने बातचीत के दौरान पाकिस्तान से संचालित होने वाले आतंकी संगठनों की निंदा की। हेगसेथ ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आतंकवाद की स्पष्ट निंदा करने और इसके खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया।
इससे पहले, फरवरी 2025 में भी पीट हेगसेथ और राजनाथ सिंह के बीच एक परिचयात्मक बातचीत हुई थी, जिसमें दोनों देशों ने भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी को और मजबूत करने पर सहमति जताई थी। दोनों नेताओं ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में आक्रामकता को रोकने के लिए संयुक्त रक्षा सहयोग और तकनीकी सहभागिता को बढ़ाने पर जोर दिया था।
पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार ने क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया है। खुफिया जानकारी के अनुसार, इस हमले में 14 स्थानीय आतंकवादियों ने पाकिस्तानी आतंकियों की मदद की थी। यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद सबसे घातक आतंकी घटनाओं में से एक माना जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा था कि भारत आतंकवादियों को धरती के किसी भी कोने तक खोजकर सजा देगा। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी सहित विपक्षी नेताओं ने भी सरकार को इस मामले में हरसंभव कार्रवाई के लिए अपना पूरा समर्थन दिया है।
अमेरिका और भारत के बीच आतंकवाद के खिलाफ सहयोग लंबे समय से चला आ रहा है। दोनों देश 2018 से ही आतंकवाद विरोधी पहलों, प्रशिक्षण कार्यक्रमों और सूचना साझा करने के जरिए इस क्षेत्र में एक-दूसरे का सहयोग करते रहे हैं। इस घटना ने एक बार फिर दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने की जरूरत को रेखांकित किया है।