रामबन: जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में शुक्रवार को एक बार फिर बादल फटने की घटना ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया। सेरी रामबन के ऊपरी इलाकों में बादल फटने से अचानक बाढ़ आ गई, जिसके चलते चंबा सेरी के पास जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-44) पर भूस्खलन हो गया। इस घटना के कारण हाईवे को दोनों ओर से बंद कर दिया गया है, और सड़क पर लंबा जाम लग गया है।
पुलिस और स्थानीय प्रशासन मौके पर राहत कार्य में जुटा हुआ है।हाईवे पर यातायात ठप, राहत कार्य जारीजानकारी के अनुसार, भूस्खलन के बाद शुक्रवार दोपहर से जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से रोक दी गई है। सड़क को साफ करने का काम तेजी से चल रहा है, लेकिन अभी तक यातायात बहाल नहीं हो सका है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है, लेकिन स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।भारी बारिश और तूफान का अलर्टस्थानीय मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि शुक्रवार शाम को डल झील, वुलर झील और आसपास के इलाकों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश की संभावना है। इस दौरान लोगों से शिकारा सवारी या नौका विहार से बचने की सलाह दी गई है।
मौसम विभाग ने तेज आंधी-तूफान और बारिश का अलर्ट जारी किया है, जिसके चलते लोगों को सतर्क रहने को कहा गया है।चिनाब नदी का जलस्तर बढ़ालगातार बारिश के कारण चिनाब नदी का जलस्तर भी खतरनाक स्तर तक बढ़ गया है। सलाल बांध से प्राप्त वीडियो में नदी के उफान को साफ देखा जा सकता है। प्रशासन ने नदी के आसपास रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की हिदायत दी है।
पहले भी हो चुकी है ऐसी घटनागौरतलब है कि रामबन जिले में इससे पहले 20 अप्रैल 2025 को भी बादल फटने की घटना हुई थी, जिसमें भारी तबाही मची थी। उस दौरान अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन के कारण 3 लोगों की मौत हो गई थी, और कई मकान, दुकानें व वाहन क्षतिग्रस्त हो गए थे। उस समय सेना और स्थानीय प्रशासन ने मिलकर राहत और बचाव कार्य चलाया था, जिसमें 100 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया था।
प्रशासन और सेना अलर्ट परइस बार भी बादल फटने के बाद प्रशासन और सेना ने तुरंत राहत कार्य शुरू कर दिए हैं। जम्मू-कश्मीर आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, राज्य की भौगोलिक स्थिति और मौसम की चरम परिस्थितियां इसे प्राकृतिक आपदाओं के प्रति बेहद संवेदनशील बनाती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि बादल फटने जैसी घटनाएं पहाड़ी इलाकों में अचानक भारी बारिश के कारण होती हैं, और इनका पूर्वानुमान लगाना मौसम विभाग के लिए चुनौतीपूर्ण होता है।
जम्मू-कश्मीर में मौसम की अनिश्चितता को देखते हुए प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और जरूरी सावधानियां बरतने की अपील की है। साथ ही, प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य तेजी से चलाए जा रहे हैं ताकि स्थिति को जल्द से जल्द सामान्य किया जा सके।