दिल्ली : दिल्ली पुलिस ने मंडावली थाना क्षेत्र में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए छह बांग्लादेशी महिलाओं को गिरफ्तार किया है। ये महिलाएं अवैध रूप से भारत में रह रही थीं और बंगाल के रास्ते दिल्ली पहुंची थीं। पुलिस के अनुसार, ये महिलाएं दिल्ली में कूड़ा बीनने और घरेलू सहायिका के रूप में काम कर रही थीं।
29 अप्रैल को मिली थी सूचना
मंडावली पुलिस को 29 अप्रैल को गुप्त सूचना मिली थी कि कुछ महिलाएं अवैध रूप से इलाके में रह रही हैं। इस सूचना के आधार पर पुलिस ने एक महिला को हिरासत में लिया और पूछताछ की। पूछताछ के दौरान पांच अन्य अवैध घुसपैठियों का पता चला। इसके बाद पहाड़गंज इलाके से इन छह बांग्लादेशी महिलाओं को गिरफ्तार किया गया। इनकी पहचान मीम अख्तर (23 वर्ष), मीना बेगम (35 वर्ष), शेख मुन्नी (36 वर्ष), पायल शेख (25 वर्ष), सोनिया अख्तर (36 वर्ष) और तानिया खान (34 वर्ष) के रूप में हुई है।
बांग्लादेशी नेटवर्क की मदद से पहुंचीं दिल्ली
पूछताछ में इन महिलाओं ने खुलासा किया कि वे बांग्लादेश से बंगाल के रास्ते दिल्ली आई थीं। इस दौरान दिल्ली में रहने वाले कुछ बांग्लादेशी लोगों ने उनकी मदद की थी। पुलिस अब इनके साथियों और नेटवर्क का पता लगाने में जुट गई है। साथ ही, इनके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
पहले भी हुआ है घुसपैठिए नेटवर्क का खुलासा
यह पहली बार नहीं है जब दिल्ली पुलिस ने ऐसी कार्रवाई की हो। मार्च 2025 में पुलिस ने एक बांग्लादेशी घुसपैठ नेटवर्क का पर्दाफाश किया था, जिसमें चांद मियां नामक व्यक्ति मुख्य सरगना था। उस मामले में 47 बांग्लादेशी और 5 भारतीय नागरिकों को गिरफ्तार किया गया था। नवंबर 2024 से अब तक पूर्वी दिल्ली में कुल नौ अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
केंद्र सरकार की सख्ती का असर
यह कार्रवाई केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस निर्देश के बाद तेज हुई है, जिसमें उन्होंने अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या प्रवासियों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने को कहा था। फरवरी 2025 में दिल्ली में बीजेपी सरकार के सत्ता में आने के बाद इस मुद्दे पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट भी पहले अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को “आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा” बता चुका है।
कानूनी कार्रवाई शुरू
पुलिस ने इन महिलाओं के खिलाफ फॉरेनर्स एक्ट, 1946 और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के प्रावधानों के तहत कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस उपायुक्त (पूर्वी) अभिषेक धनिया ने कहा, “हम उन व्यक्तियों और नेटवर्क को ट्रेस करने के लिए काम कर रहे हैं जो इनके अवैध प्रवेश और रहने की सुविधा दे रहे थे।”
राष्ट्रीय सुरक्षा पर चिंता
रिपोर्ट्स के अनुसार, दिल्ली में करीब 40,000 अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या प्रवासी रह रहे हैं, जो राष्ट्रीय सुरक्षा और एकीकरण के लिए जोखिम पैदा कर रहे हैं। इस मामले ने एक बार फिर अवैध प्रवास के मुद्दे को सुर्खियों में ला दिया है।