नई दिल्ली: भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 05 मई, 2025 को नई दिल्ली में अपने जापानी समकक्ष रक्षा मंत्री जेन नकातानी के साथ एक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठक करने जा रहे हैं। इस बैठक का उद्देश्य दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को और गहरा करना तथा वर्तमान क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा स्थिति पर विचारों का आदान-प्रदान करना है।
रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि दोनों पक्ष हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ती चुनौतियों, विशेष रूप से चीन की आक्रामक गतिविधियों और ग्रे-ज़ोन रणनीतियों के संदर्भ में सैन्य इंटर ऑपरेबिलिटी को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। यह बैठक 2014 में स्थापित भारत-जापान विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी को और मजबूत करने की दिशा में एक कदम है।
हाल के वर्षों में भारत और जापान ने रक्षा क्षेत्र में अपने संबंधों को गहरा किया है। 2020 में दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच “रेसिप्रोकल प्रोविजन ऑफ सप्लाइज़ एंड सर्विसेज़” समझौते पर हस्ताक्षर हुआ था, जिसने सैन्य सहयोग को बढ़ावा दिया। इसके अलावा, दोनों देश क्वाड (भारत, जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया) के सदस्य के रूप में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्वतंत्र नौवहन और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
यह बैठक ऐसे समय में हो रही है, जब हाल ही में पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच तनाव कम करने के लिए कदम उठाए गए हैं। 2024 में आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक (एडीएमएम) में राजनाथ सिंह ने क्षेत्रीय विवादों को सुलझाने के लिए संवाद पर जोर दिया था, और यह बैठक उसी दिशा में भारत की रणनीति को दर्शाती है।
दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों के बीच यह चर्चा न केवल द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को मजबूत करेगी, बल्कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए एक ठोस कदम भी साबित होगी। बैठक के बाद दोनों पक्षों के बीच रक्षा क्षेत्र में नए सहयोग के क्षेत्रों की घोषणा की उम्मीद की जा रही है।