लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार ने नेपाल सीमा से सटे 7 जिलों की 104 संवेदनशील पगडंडियों पर सुरक्षा कड़ी कर दी है। यह कदम आतंकी गतिविधियों, अवैध घुसपैठ और तस्करी की आशंका को देखते हुए उठाया गया है। पुलिस, खुफिया एजेंसियां और सशस्त्र सीमा बल (SSB) संयुक्त रूप से सीमावर्ती इलाकों में सक्रिय रूप से निगरानी कर रहे हैं।
अवैध मदरसे और फंडिंग नेटवर्क पर जांच तेज
खुफिया एजेंसियों द्वारा हाल ही में सौंपी गई रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि नेपाल सीमा से लगे कुछ क्षेत्रों में आतंकी फंडिंग से अवैध मदरसे बनाए गए थे। इस इनपुट के बाद विशेष जांच दल (SIT) ने जांच और कार्रवाई तेज कर दी है। वहीं, अप्रैल 2025 में उत्तर प्रदेश सरकार ने सीमा के 15 किमी के दायरे में स्थित अवैध धार्मिक निर्माणों के विरुद्ध कार्रवाई की थी। इस दौरान बहराइच, बलरामपुर, लखीमपुर खीरी, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर और महराजगंज जिलों में 20 मस्जिदों और मदरसों को हटाया गया था।बहराइच के नानपारा तहसील में 227 अतिक्रमणों में से 89 को हटाया जा चुका है।
सीमा सुरक्षा को लेकर भारत-नेपाल समन्वय
उत्तर प्रदेश पुलिस ने SSB और नेपाल की सशस्त्र पुलिस बल (APF) के साथ मिलकर सीमा पर संयुक्त गश्त बढ़ा दी है। सुरक्षा बलों को विशेष निर्देश दिए गए हैं कि वे हर संदिग्ध गतिविधि पर सतर्क नजर रखें।
यह कार्रवाई ऐसे समय में की जा रही है, जब भारत और नेपाल के बीच 1,751 किलोमीटर लंबी खुली सीमा पर सुरक्षा चुनौतियां लगातार बढ़ रही हैं।
तस्करी और घुसपैठ पर नियंत्रण की कोशिशें
नेपाल के कपिलवस्तु जिले के पास बढ़ती तस्करी की घटनाओं पर भी चिंता जताई गई है। “काठमांडू पोस्ट” की रिपोर्ट के अनुसार, नेपाल-भारत सीमा पर तस्करी के लिए आधुनिक सुरक्षा तंत्र की कमी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। भारत की ओर से अब इस दिशा में कदम उठाते हुए हाई-टेक निगरानी उपकरण लगाने और अतिरिक्त बल तैनात करने की तैयारी चल रही है।
विशेषज्ञों की राय
सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि खुली भारत-नेपाल सीमा की संवेदनशीलता को देखते हुए यह कार्रवाई अत्यंत आवश्यक थी। इन प्रयासों से आतंकी नेटवर्क, तस्करी और घुसपैठ पर अंकुश लगेगा और सीमावर्ती इलाकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।
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