बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी जोरों पर है, और अब सियासी बिसात पर असदुद्दीन ओवैसी ने भी बड़ा दांव खेला है। AIMIM प्रमुख ओवैसी ने अपने दो दिवसीय बिहार दौरे के दौरान पूर्वी चंपारण के ढाका विधानसभा क्षेत्र से राणा रंजीत सिंह को पार्टी का पहला उम्मीदवार घोषित कर दिया है।
जनसभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा कि इस बार नीतीश और तेजस्वी की बत्ती सिर्फ 15 मिनट नहीं, पूरे पांच साल के लिए गुल करनी है। उन्होंने दावा किया कि बिहार की जनता पुराने विकल्पों से ऊब चुकी है और अब बदलाव चाहती है।
सियासी हमलों के साथ भावनात्मक अपील
ओवैसी ने अपने भाषण में RJD और JDU दोनों पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि लालू यादव ने उनके चार विधायकों को तोड़ा, लेकिन इस बार वह उसे “24 में बदलेंगे”। उन्होंने कहा कि दोनों तरफ शैतान हैं, और जनता को अब कोई नया रास्ता चुनना चाहिए।
राणा रंजीत सिंह: एक राजनीतिक विरासत
AIMIM द्वारा घोषित उम्मीदवार राणा रंजीत सिंह बिहार की राजनीति का जाना-पहचाना नाम हैं। वे पूर्व सांसद सीताराम सिंह के पुत्र हैं और भाजपा के पूर्व मंत्री राणा रणधीर सिंह के भाई भी हैं। ओवैसी के इस चयन को राजनीतिक मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है, जिससे AIMIM को मुस्लिम और गैर-मुस्लिम दोनों वोट बैंक साधने में मदद मिल सकती है।
AIMIM की रणनीति और संदेश
ओवैसी ने साफ संकेत दिया है कि वह सिर्फ मुस्लिम बहुल सीटों तक सीमित नहीं रहना चाहते, बल्कि बिहार की मुख्यधारा राजनीति में पैर जमाने की मंशा रखते हैं। उन्होंने कहा कि 15 मिनट की बत्ती गुल आंदोलन आपने देखा, अब 5 साल के लिए इनकी बत्तियां बुझानी हैं।
जनता से उन्होंने अपील की कि जैसे आपने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ एकजुटता दिखाई थी, उसी तरह बिहार में बदलाव लाने के लिए भी एकजुट हों।