भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने अपनी सेवानिवृत्ति से पहले न्यायपालिका में पारदर्शिता को एक नया आयाम देते हुए अपनी और सुप्रीम कोर्ट के 20 अन्य न्यायाधीशों की संपत्ति का विवरण सार्वजनिक कर दिया है। यह निर्णय ऐसे समय पर आया है जब दिल्ली हाईकोर्ट के एक जज के आवास से भारी मात्रा में नकदी मिलने के बाद न्यायपालिका की छवि पर सवाल उठने लगे थे।
क्यों लिया गया यह फैसला?
दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के घर से कथित नकदी बरामदगी के बाद सुप्रीम कोर्ट की पूर्ण पीठ (फुल कोर्ट) ने 1 अप्रैल 2025 को सर्वसम्मति से निर्णय लिया था कि सभी जज अपनी संपत्ति का ब्योरा सार्वजनिक करेंगे। यह पहल न्यायपालिका में पारदर्शिता, जवाबदेही और विश्वास बहाली की दिशा में महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
CJI संजीव खन्ना की संपत्ति का विवरण
वेबसाइट पर जारी दस्तावेज़ों के अनुसार, CJI खन्ना के पास दक्षिण दिल्ली में तीन डीडीए फ्लैट, एक चार बेडरूम वाला फ्लैट (2446 वर्गफीट) और गुरुग्राम के सिसपाल विहार में 56% हिस्सेदारी वाला चार बेडरूम फ्लैट (2016 वर्गफीट) है। इसके अलावा:
- बैंक और एफडी में ₹55.75 लाख
- पीपीएफ: ₹1.06 करोड़
- GPF: ₹1.77 करोड़
- LIC मनीबैक पॉलिसी: ₹29,625 वार्षिक प्रीमियम
- शेयर्स: ₹14,000
- 250 ग्राम सोना व 2 किलो चांदी – ज्यादातर उपहार या विरासत स्वरूप
न्यायपालिका में विश्वास बहाल करने की कोशिश
CJI खन्ना के इस कदम को न्यायपालिका में जनता का विश्वास मजबूत करने की दिशा में एक साहसिक प्रयास माना जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट अब हाईकोर्ट और सर्वोच्च न्यायालय में नियुक्तियों की प्रक्रिया को भी वेबसाइट पर सार्वजनिक कर चुका है।
नए CJI के रूप में जस्टिस गवई लेंगे शपथ
CJI संजीव खन्ना 13 मई को सेवानिवृत्त होंगे और उनके स्थान पर 14 मई को जस्टिस बी. आर. गवई देश के 52वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे।