देश की शीर्ष जांच एजेंसी CBI को फिलहाल नया निदेशक नहीं मिल पाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विपक्ष के नेता राहुल गांधी और भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की तीन सदस्यीय समिति की बैठक में एजेंसी के नए प्रमुख के चयन पर कोई आम सहमति नहीं बन सकी। इस स्थिति में मौजूदा निदेशक प्रवीण सूद को एक साल का सेवा विस्तार दिए जाने की संभावना जताई जा रही है।
CBI निदेशक की नियुक्ति प्रक्रिया क्या है?
CBI निदेशक की नियुक्ति केंद्र सरकार तीन सदस्यीय चयन समिति की सिफारिश पर करती है, जिसमें प्रधानमंत्री, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और भारत के CJI शामिल होते हैं। यह प्रक्रिया पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से निर्धारित की गई है।
मिली जानकारी के अनुसार, चयन समिति की बैठक में विभिन्न वरिष्ठ IPS अधिकारियों के नामों पर विचार किया गया, लेकिन कोई भी नाम सभी को स्वीकार्य नहीं लगा। इस कारण किसी एक नाम पर सहमति नहीं बन सकी। बैठक लगभग 45 मिनट चली और किसी अंतिम निर्णय के बिना समाप्त हो गई।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वर्तमान निदेशक प्रवीण सूद को ही एक वर्ष का सेवा विस्तार दिया जा सकता है। हालांकि, यह भी कहा जा रहा है कि विपक्ष के नेता राहुल गांधी इस प्रस्ताव के पक्ष में नहीं थे। अभी तक सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। प्रवीण सूद कर्नाटक कैडर के 1986 बैच के वरिष्ठ IPS अधिकारी हैं। CBI चीफ बनने से पहले वे कर्नाटक के डीजीपी थे। उन्होंने 25 मई 2023 को CBI निदेशक का कार्यभार संभाला था, जो 25 मई 2025 को समाप्त हो रहा है।