बिहार की सुगौली विधानसभा सीट ने 2020 में वह इतिहास रच दिया जो लंबे समय तक भाजपा का गढ़ रही इस सीट के लिए अप्रत्याशित था। राजद के शशिभूषण सिंह ने भाजपा के कद्दावर नेता रामचंद्र साहनी को हराकर यहां सत्ता परिवर्तन किया, जो यह दर्शाता है कि स्थानीय मतदाताओं का मिजाज तेजी से बदल रहा है।
इतिहास की झलक: कांग्रेस से भाजपा और फिर राजद तक का सफर
- 1952 में कांग्रेस के जय नारायण प्रसाद पहले विधायक बने।
- 2000 में विजय प्रसाद गुप्ता ने पहले निर्दलीय और फिर राजद के टिकट पर जीत हासिल की।
- 2005 से 2015 तक भाजपा के रामचंद्र साहनी ने तीन बार जीत दर्ज कर सीट पर कब्जा बरकरार रखा।
- 2020 में राजद के शशिभूषण सिंह ने भाजपा से सीट छीन ली।
2020 चुनाव परिणाम (सुगौली विधानसभा)
प्रत्याशी | दल | वोट | प्रतिशत |
शशिभूषण सिंह | राजद | 65,267 | 38.26% |
रामचंद्र साहनी | वीआईपी (NDA) | 61,820 | 36.24% |
विजय प्रसाद गुप्ता | लोजपा | – | – |
कुल मतदान – 59.36%
2015 और 2010: भाजपा की पकड़ और राजद की चुनौती
- 2015: रामचंद्र साहनी (BJP) – 62,384 वोट (40.12%), ओमप्रकाश चौधरी (RJD) – 54,628 वोट
- 2010: वही मुकाबला, लगभग समान परिणाम।
- शशिभूषण सिंह दोनों बार तीसरे स्थान पर रहे, लेकिन 2020 में उन्होंने बाजी पलट दी।
जातीय समीकरण: यादव-मुस्लिम गठजोड़ ने किया सत्ता परिवर्तन संभव
- मुस्लिम मतदाता – 67,266 (23.4%)
- एससी – 32,253 (11.22%)
- एसटी – 2,702 (0.94%)
- ग्रामीण मतदाता – 91.01%
- शहरी मतदाता – 8.99%
राजपूत और ब्राह्मण वोटरों की भूमिका भाजपा के लिए अहम रही, लेकिन मुस्लिम-यादव गठजोड़ ने चुनावी परिणाम की दिशा बदल दी।
भौगोलिक और प्रशासनिक स्थिति
- जिला: पूर्वी चंपारण
- लोकसभा क्षेत्र: पश्चिम चंपारण
- सीमांकन (2008): सुगौली और रामघरवा ब्लॉक शामिल