नई दिल्ली : देशभर में बढ़ते तनाव और हाल ही में 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के मद्देनजर केंद्र सरकार ने नागरिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए व्यापक कदम उठाए हैं। इसी कड़ी में केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन की अध्यक्षता में मंगलवार (6 मई 2025) को एक उच्च स्तरीय बैठक संपन्न हुई। इस बैठक में 7 मई को देशभर में होने वाले मॉक ड्रिल की तैयारियों की समीक्षा की गई।
मॉक ड्रिल का उद्देश्य
सूत्रों के अनुसार, इस मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य देश के 244 सिविल जिलों में हवाई हमले की चेतावनी सायरन को सक्रिय करना, नागरिकों को किसी “शत्रु हमले” से बचने के लिए प्रशिक्षित करना, बंकरों और खाइयों की सफाई करना, और आपात स्थिति में निकासी योजनाओं का अभ्यास करना है।
इसके साथ ही, भारतीय वायु सेना (IAF) के साथ हॉटलाइन और रेडियो संचार लिंक को चालू करने, कंट्रोल रूम और शैडो कंट्रोल रूम की कार्यक्षमता की जांच भी इस ड्रिल का हिस्सा होगी।
सरकार की तैयारियाँ
केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को अपनी निकासी योजनाओं को अपडेट करने और उनके रिहर्सल करने के निर्देश दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक, ड्रिल के दौरान हवाई हमले की चेतावनी सायरन बजाए जाएंगे, और नागरिकों व छात्रों को आपात स्थिति में खुद को बचाने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। इस मॉक ड्रिल को भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
विशेषज्ञों की राय
सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार का यह कदम देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक सकारात्मक पहल है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि सीमा पर बढ़ते तनाव और आतंकी गतिविधियों को देखते हुए नागरिकों को भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए।