बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में स्थित कल्याणपुर विधानसभा सीट (संख्या-16) पर राजनीति ने कई बार करवट बदली है। 2010 में पहली बार अस्तित्व में आई यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है और यहां पर अक्सर महिला उम्मीदवारों की भागीदारी अधिक देखने को मिली है। वर्तमान में इस सीट पर राजद के मनोज कुमार यादव विधायक हैं, जिन्होंने 2020 के चुनाव में भाजपा के दिग्गज नेता सचिंद्र प्रसाद सिंह को कड़ी टक्कर देकर हराया।
इतिहास: नई सीट, लेकिन पुरानी जंग
2008 के परिसीमन के बाद कल्याणपुर को एक अलग विधानसभा क्षेत्र के रूप में स्थापित किया गया। 2010 में जदयू की रजिया खातून ने यहां से जीत दर्ज कर इतिहास रचा। 2015 में भाजपा के सचिंद्र प्रसाद सिंह ने उन्हें 11,488 वोटों से हराया। 2020 में राजद के मनोज यादव ने बाजी मारी और सीट पर नियंत्रण हासिल किया। इससे पहले अशोक वर्मा (राजद) और अश्वमेध देवी (समता पार्टी व जदयू) भी इस सीट से चुनी जा चुकी हैं।
अब तक इस सीट पर 14 बार चुनाव हो चुके हैं, जिसमें कांग्रेस, जनता दल, लोकदल, जनता पार्टी, जदयू, भाजपा, राजद और समता पार्टी जैसे दल विजेता रह चुके हैं।
2020 का चुनाव: कांटे की टक्कर, नई दिशा
2020 में हुए विधानसभा चुनाव में इस सीट पर सीधी टक्कर भाजपा और राजद के बीच देखने को मिली।
- राजद के मनोज कुमार यादव को 72,819 (45.35%) वोट मिले।
- वहीं भाजपा के सचिंद्र सिंह को 71,626 (44.61%) वोट प्राप्त हुए।
महज 1.2% के अंतर से राजद ने सीट छीन ली, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि यहां जातीय समीकरण और व्यक्तिगत पकड़ निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
2015: भाजपा की वापसी
2015 में भाजपा के सचिंद्र प्रसाद सिंह ने जदयू की रजिया खातून को हराया था। सचिंद्र को 36.9% वोट मिले जबकि रजिया को 28.5% और नोटा को भी 4,260 वोट मिले थे, जिससे यह भी स्पष्ट हुआ कि यहां वोटर्स का मोहभंग भी एक फैक्टर है।
2010: महिला नेतृत्व की शुरुआत
2010 में कल्याणपुर सीट पर पहला चुनाव हुआ और जदयू की रजिया खातून ने राजद के मनोज यादव को हराकर महिला सशक्तिकरण की मिसाल पेश की। तीसरे स्थान पर सीपीआई के रामायण सिंह रहे थे।
जातीय समीकरण: सत्ता की चाबी जातियों के हाथ
कल्याणपुर विधानसभा सीट पर भूमिहार, कोइरी और पासवान जातियों की बड़ी संख्या है, जो चुनावी दिशा तय करते हैं।
- मुस्लिम वोटर लगभग 10.6% हैं, जो समीकरण को संतुलित करते हैं।
- यह सीट अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित है, जिससे दलित वोटर्स की भूमिका अत्यधिक अहम हो जाती है।
- महिला प्रत्याशियों की भागीदारी यहां अन्य सीटों की तुलना में अधिक रही है, जो राजनीतिक जागरूकता और सामाजिक बदलाव का संकेत देता है।
जनसंख्या और मतदाता आंकड़े
- SC वोटर: 68,096 (20.99%)
- ST वोटर: 97 (0.03%)
- मुस्लिम मतदाता: 34,389 (10.6%)
- ग्रामीण मतदाता: 3,20,527 (98.8%)
- शहरी मतदाता: 3,893 (1.2%)
कल्याणपुर विधानसभा सीट एक राजनीतिक प्रयोगशाला की तरह बन चुकी है, जहां हर चुनाव में एक नया समीकरण जन्म लेता है। 2025 का चुनाव यहां सिर्फ नेताओं की लड़ाई नहीं, बल्कि विकास और सामाजिक संतुलन का भी इम्तिहान होगा।