जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव का असर अब भारत-नेपाल सीमा पर भी साफ नजर आने लगा है। नेपाल से लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा पर हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है और सीमा सुरक्षा बल (SSB) ने सुरक्षा व्यवस्था को अत्यधिक कड़ा कर दिया है।
भारत और नेपाल के बीच खुली सीमा को देखते हुए SSB की सभी यूनिट्स को अलर्ट पर रखा गया है। सीमावर्ती जिलों- सुपौल, अररिया, मधुबनी, सीतामढ़ी और पश्चिम चंपारण में विशेष सतर्कता बरती जा रही है। नेपाल से भारत में प्रवेश करने वाले हर व्यक्ति की पहचान की गहन जांच की जा रही है। विशेष चेकिंग अभियान में डॉग स्क्वॉड, मेटल डिटेक्टर और हथियारों से लैस विशेष दस्ते लगाए गए हैं।
एसएसबी की 45वीं बटालियन के कमांडेंट गौरव सिंह ने बताया, “सीमा पर हालात असामान्य हैं। हर संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। आतंकियों की किसी भी घुसपैठ को रोकने के लिए सभी मार्गों पर विशेष नाके बनाए गए हैं। छुट्टी पर गए जवानों को भी वापस बुला लिया गया है और रणनीतिक स्थानों पर तैनात कर दिया गया है।”
भीमनगर (सुपौल) में भारत-नेपाल सीमा पर जांच अभियान बेहद सख्ती से चलाया जा रहा है। हर वाहन की बोनट, डिग्गी, सीट कवर आदि की गहन तलाशी ली जा रही है। एसएसबी के अधिकारियों का कहना है कि इस समय भारत और नेपाल के अलावा किसी तीसरे देश के नागरिक को सीमा में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा रही है।
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नेपाल की ओर जा रहे नागरिक राहुल कुमार ने कहा, “एसएसबी की सख्ती हमारी सुरक्षा के लिए है। आतंकी गतिविधियों को रोकने के लिए यह जरूरी है। हमें यहां जांच प्रक्रिया से कोई असुविधा नहीं, बल्कि इससे सुरक्षा का भरोसा मिलता है।” एसएसबी के सहायक उप निरीक्षक राम लाल ने बताया, “हम 24 घंटे चेक पोस्ट पर तैनात हैं। किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी है। देश हाई अलर्ट पर है और हमारी जिम्मेदारी पहले से कहीं अधिक बढ़ गई है।”