आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए (NDA) ने अपनी तैयारियों को धार देना शुरू कर दिया है। बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में एनडीए में शामिल दलों—हम (सेक्युलर), लोजपा (रामविलास) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमो)—के नेताओं के साथ एक अहम बैठक हुई। इस बैठक में नीतीश कुमार ने सभी घटक दलों को एकजुटता का संदेश देते हुए समन्वय से काम करने की अपील की।
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मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि एनडीए मिलकर चुनाव लड़ेगा और जनता के सामने पिछले दो दशकों में सरकार की उपलब्धियों को प्रमुखता से रखेगा। उन्होंने कहा कि 2005 से पहले के बिहार और वर्तमान बिहार में फर्क को उजागर करना बेहद ज़रूरी है। नीतीश कुमार ने सभी दलों को निर्देश दिया कि वे जनता के बीच जाकर शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली और परिवहन जैसे क्षेत्रों में हुई प्रगति को बताएं। उन्होंने कहा कि 2005 से पहले की स्थिति और आज की स्थिति के बीच के अंतर को जनता के सामने रखना बेहद महत्वपूर्ण है।
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बैठक में हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष कुमार सुमन, प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अनिल कुमार, लोजपा (रामविलास) के प्रदेश महासचिव संजय पासवान, मुख्य प्रवक्ता राजेश भट्ट, रालोमो के प्रभारी प्रदेश अध्यक्ष मदन चौधरी और गणेश चंद्रवंशी शामिल रहे। जदयू की ओर से वरिष्ठ नेता विजय कुमार चौधरी और भाजपा से उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने भी भाग लिया। बैठक में यह भी चर्चा हुई कि चुनाव में किन मुद्दों को प्राथमिकता दी जाएगी और किस तरह से साझा सहमति से मुद्दों का चयन कर जनता के बीच जाया जाएगा। सभी दलों को जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं के माध्यम से सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों को आम लोगों तक पहुंचाने का कार्य सौंपा गया।
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सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री ने यह भी संकेत दिया कि एनडीए का प्रचार अभियान जल्द ही एकजुट रूप में शुरू किया जाएगा और हर स्तर पर साझा मंच से जनता को संबोधित किया जाएगा। यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब विपक्षी गठबंधन भी चुनावी मोर्चा मजबूत करने की कवायद में जुटा है। इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जदयू और भाजपा कोटे के मंत्रियों और नेताओं के साथ भी समन्वय को लेकर अलग से बैठक की थी, जिसमें एनडीए की एकजुटता और साझा रणनीति पर जोर दिया गया था।