छपरा के बाद बिहार के सीवान के रहने वाले आर्मी के जवान रामबाबू सिंह देश के लिए सोमवार (12 मई, 2025) को शहीद हो गए। सीजफायर के बाद पाकिस्तान की ओर से किए गए उल्लंघन के कारण सोमवार को उन्हें गोली लग गई थी। परिवार वालों के अनुसार दोपहर में गोली लगी थी और फिर खबर आई कि वो देश के लिए शहीद हो गए।
इस खबर के बाद रामबाबू सिंह के गांव में सन्नाटा पसर गया। शहीद जवान रामबाबू सिंह सीवान के बड़हरिया प्रखंड के वसिलपुर गांव के रहने वाले थे। उनके पिता स्व. रामविचार सिंह हरिहरपुर पंचायत के उप मुखिया रह चुके थे। रामबाबू सिंह के एक भाई अखिलेश सिंह झारखंड के हजारीबाग में लोको पायलट के पद पर कार्यरत हैं।
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बताया जाता है कि शहीद जवान रामबाबू सिंह की शादी करीब चार महीने पूर्व ही हुई थी। गांव के लोग उनके पार्थिव शरीर के आने का इंतजार कर रहे हैं। शाम तक या कल बुधवार को पार्थिव शरीर आ सकता है। शहीद जवान की परिजनों ने बताया कि रामबाबू बचपन से ही देशभक्त के जज्बे से भरे हुए थे। वे आर्मी में भर्ती होकर देश की सेवा कर रहे थे। घटना के बाद गांव के लोगों की आंखें नम हैं। लोग गर्व भी कर रहे हैं।
शहीद जवान रामबाबू सिंह के ससुर सुभाष चंद्र शर्मा ने बताया कि उनके दामाद ने 10 अप्रैल को उन्होंने जम्मू-कश्मीर में ड्यूटी ज्वाइन की थी। उनके ससुर ने बताया कि वे और उनकी बेटी दोनों धनबाद में थे। कल (सोमवार) दिन के करीब डेढ़ बजे आर्मी हेडक्वार्टर से कॉल आया कि दामाद को गोली लग गई है। इसके बाद सूचना मिली कि वे शहीद हो गए हैं। पत्नी अंजलि सिंह को अभी भी पति की शहादत की जानकारी नहीं दी गई है।