अप्रैल 2025 में भारत की महंगाई दर में भारी गिरावट दर्ज की गई, जो जुलाई 2019 के बाद का सबसे निचला स्तर है। खुदरा महंगाई दर 3.16% पर आ गई, जो मार्च 2025 के 3.34% से कम है और अपेक्षित 3.3% से भी नीचे है। यह गिरावट मुख्य रूप से खाद्य और पेय पदार्थों की कीमतों में कमी के कारण हुई है, जो उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ी राहत है।
थोक महंगाई दर में भी महत्वपूर्ण कमी देखी गई, जो अप्रैल 2025 में 0.05% पर आ गई, जबकि मार्च 2025 में यह 2.05% थी। यह गिरावट व्यापक आर्थिक राहत का संकेत देती है, खासकर जब वैश्विक आर्थिक दबावों को ध्यान में रखा जाए।
RBI का लक्ष्य महंगाई को 4% के आसपास रखना है, और ये आंकड़े इस दिशा में सकारात्मक प्रगति दर्शाते हैं। यह गिरावट RBI की भविष्य की मौद्रिक नीति पर असर डाल सकती है, जिससे ब्याज दरों में और कटौती की संभावना बढ़ जाती है। इससे उपभोक्ता खर्च में वृद्धि हो सकती है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए लाभकारी साबित हो सकता है।
अप्रैल 2025 में महंगाई दर में गिरावट भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक विकास है। यह उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करता है और RBI की मौद्रिक नीति को और लचीला बनाता है। आने वाले महीनों में इन आर्थिक संकेतों पर नजर रखना महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि वे देश की आर्थिक स्वास्थ्य और विकास की दिशा तय करेंगे।