नई दिल्ली: भारत सरकार ने सेमीकंडक्टर क्षेत्र में देश की प्रगति को एक नई दिशा देते हुए उत्तर प्रदेश में एक नई सेमीकंडक्टर इकाई की स्थापना को मंजूरी दी है। बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया, जिसकी जानकारी खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी। इस कदम को भारत के लिए सेमीकंडक्टर क्षेत्र में एक बड़ी छलांग माना जा रहा है, जो न केवल तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देगा, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के असंख्य अवसर भी सृजित करेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस फैसले की घोषणा करते हुए अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा, “सेमीकंडक्टर की दुनिया में भारत की प्रगति जारी है! उत्तर प्रदेश में सेमीकंडक्टर इकाई की स्थापना के संबंध में आज कैबिनेट के फैसले से विकास और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा। इससे युवाओं के लिए भी असंख्य अवसर पैदा होंगे।”
भारत की सेमीकंडक्टर यात्रा को गति यह निर्णय भारत की उस महत्वाकांक्षी योजना का हिस्सा है, जिसके तहत देश में एक मजबूत सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम विकसित करने के लिए ₹76,000 करोड़ की पहल शुरू की गई है। फॉर्च्यून इंडिया की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत सरकार 2014 से इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग पर ध्यान दे रही है और प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम्स के जरिए इस क्षेत्र में निवेश को आकर्षित कर रही है। उत्तर प्रदेश में नई सेमीकंडक्टर इकाई की स्थापना इस दिशा में एक और कदम है।
ग्लोबल सेमीकंडक्टर क्षेत्र में भारत की स्थिति वैश्विक स्तर पर सेमीकंडक्टर की मांग तेजी से बढ़ रही है। डेलॉइट की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में ग्लोबल सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री का राजस्व $550 बिलियन से अधिक था, जो 2030 तक 80% से ज्यादा बढ़कर एक ट्रिलियन डॉलर से अधिक होने की उम्मीद है। हालांकि, इस क्षेत्र में कुशल कर्मियों की कमी एक बड़ी चुनौती है। भारत में भी सेमीकंडक्टर प्रतिभा की कमी को दूर करने के लिए सरकार और निजी क्षेत्र मिलकर काम कर रहे हैं।
इसी बीच, एक अन्य बड़ी खबर यह है कि जापान की कंपनी रेनेसस इलेक्ट्रॉनिक्स ने नोएडा और बेंगलुरु में अपने नए डिजाइन सेंटरों का उद्घाटन किया हैँ। मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इन सेंटरों का उद्घाटन किया, जहां भारत पहली बार 3 नैनोमीटर चिप्स डिजाइन करने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। रेनेसस ने भारत को अपनी वैश्विक रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बताते हुए 2025 के अंत तक अपनी भारतीय टीम को 1,000 कर्मचारियों तक विस्तार करने की योजना बनाई है।
युवाओं के लिए सुनहरा अवसर प्रधानमंत्री मोदी ने अपने बयान में इस बात पर जोर दिया कि सेमीकंडक्टर इकाई से न केवल तकनीकी क्षेत्र में प्रगति होगी, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के नए द्वार भी खुलेंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारत को ग्लोबल सेमीकंडक्टर हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हालांकि, फैब इकोनॉमिक्स ग्लोबल R&A की एक रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि 2025 के बाद ग्लोबल सेमीकंडक्टर टैलेंट की कमी और गहरा सकती है, जिसके लिए भारत को अपनी घरेलू प्रतिभा को तेजी से तैयार करना होगा।
उत्तर प्रदेश में सेमीकंडक्टर इकाई की स्थापना और रेनेसस जैसे वैश्विक खिलाड़ियों की भारत में बढ़ती मौजूदगी से यह साफ है कि भारत अब सेमीकंडक्टर क्षेत्र में एक मजबूत दावेदार बनने की राह पर है। यह न केवल भारत की तकनीकी क्षमता को बढ़ाएगा, बल्कि वैश्विक मंच पर देश की स्थिति को भी सुदृढ़ करेगा।