धनबाद: भारतीय रेलवे ने गर्मी की छुट्टियों के दौरान समूह में यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए एक नया नियम लागू किया है। अब ग्रुप टिकट (एक पीएनआर पर अधिकतम छह यात्रियों) पर यात्रा करने वाले प्रत्येक यात्री को अपना पहचान पत्र साथ रखना अनिवार्य होगा। इस नियम का उद्देश्य यात्रियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना और टिकट के दुरुपयोग को रोकना है।
रेलवे के इस नए आदेश के अनुसार, न केवल यात्रा के दौरान बल्कि स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर प्रवेश करने के लिए भी पहचान पत्र की जांच की जाएगी। यदि कोई यात्री पहचान पत्र नहीं दिखा पाता है, तो टिकट चेकिंग स्टाफ या रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) द्वारा जुर्माना लगाया जा सकता है या अन्य कार्रवाई भी की जा सकती है।
पहले क्या था नियम?
पहले के नियमों के तहत, एक पीएनआर पर बुक किए गए ग्रुप टिकट पर यात्रा करने वाले छह यात्रियों में से केवल एक यात्री को अपना पहचान पत्र दिखाना होता था। भीड़भाड़ के दौरान या संदेह होने पर ही टिकट चेकिंग स्टाफ अन्य यात्रियों से पहचान पत्र मांगता था। लेकिन अब सभी यात्रियों के लिए पहचान पत्र अनिवार्य कर दिया गया है।
धनबाद रेल मंडल के डीआरएम कमल किशोर सिन्हा ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर इस नियम की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि यह कदम यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को और सुदृढ़ करने के लिए उठाया गया है। डीआरएम ने स्पष्ट किया कि टिकट बुकिंग के दौरान पहचान पत्र अनिवार्य नहीं है, लेकिन प्लेटफॉर्म पर प्रवेश और यात्रा के दौरान यह जरूरी होगा।
सुरक्षा के लिए रेलवे का जोर
यह नियम ऐसे समय में लागू किया गया है, जब हाल ही में भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद रेलवे ने सुरक्षा को लेकर कई कदम उठाए हैं, जिसमें विशेष ट्रेनों की घोषणा और यात्रियों की सख्त जांच शामिल है। रेलवे का मानना है कि पहचान पत्र की अनिवार्यता से यात्रियों की सुरक्षा में और इजाफा होगा।
यात्रियों को सलाह
रेलवे ने यात्रियों से अपील की है कि वे यात्रा से पहले अपने पहचान पत्र की जांच कर लें और इसे साथ रखें। इसके साथ ही, रेलवे ने यह भी सूचित किया है कि टिकट चेकिंग के दौरान नियमों का सख्ती से पालन किया जाएगा।