नई दिल्ली : भारत सरकार ने आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर बेनकाब करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाने का फैसला किया है। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, सरकार जल्द ही एक मल्टी-पार्टी डेलीगेशन को विदेश भेजने की तैयारी कर रही है, ताकि पाकिस्तान से उत्पन्न होने वाले आतंकवाद के खिलाफ भारत का पक्ष मजबूती से रखा जा सके।
यह कदम हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर और कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले के बाद लिया गया है, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी, जिनमें ज्यादातर हिंदू पर्यटक थे।
डेलीगेशन के पांच मुख्य उद्देश्य
रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह मल्टी-पार्टी डेलीगेशन पांच मुख्य उद्देश्यों के साथ अपनी बात रखेगा :
- पाकिस्तान की ओर से भारतीय नागरिकों और सेना पर आतंकी हमलों को उजागर करना, जिसके चलते ऑपरेशन सिंदूर जरूरी हो गया।
- ऑपरेशन सिंदूर जैसे सैन्य कदम की आवश्यकता को रेखांकित करना।
- अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह स्पष्ट करना कि भविष्य में भी ऐसी कार्रवाइयां संभव हैं, यदि पाकिस्तान की ओर से आतंकी गतिविधियां जारी रहीं।
- यह साबित करना कि ऑपरेशन सिंदूर में केवल आतंकी ठिकानों को ही निशाना बनाया गया।
- आतंकवाद को बढ़ावा देने में पाकिस्तान की भूमिका और इसके वैश्विक प्रभावों को उजागर करना।
विपक्ष को साथ लाने की कोशिश
सूत्रों ने बताया कि सरकार इस मुद्दे पर सभी राजनीतिक दलों को एकजुट करने की कोशिश कर रही है। डेलीगेशन में विभिन्न दलों के सांसदों को शामिल किया जाएगा, जो विदेशी सरकारों, थिंक टैंकों और मीडिया के साथ बातचीत करेंगे। न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने पहलगाम हमले को पाकिस्तान से “क्रॉस-बॉर्डर लिंकेज” से जोड़ा है, जबकि अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट ने पाकिस्तान को लंबे समय से “आतंकवादियों का सुरक्षित ठिकाना” करार दिया है।
आगे की राह
यह डेलीगेशन न केवल भारत की कूटनीतिक स्थिति को मजबूत करेगा, बल्कि वैश्विक समुदाय को यह भी संदेश देगा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में किसी भी तरह की ढील नहीं बरतेगा। डेलीगेशन की संरचना और इसके रवाना होने की तारीख पर अभी विचार किया जा रहा है, लेकिन यह कदम भारत की विदेश नीति में एक नए अध्याय की शुरुआत माना जा रहा है। लाइव हिन्दुस्तान से अपडेट के लिए बने रहें।