लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को सार्वजनिक सभा में बोलने से रोके जाने को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि नेता को मंच से रोकने से ज़्यादा ज़रूरी है मूलभूत सवालों का सामना करना, जो आम जनता से सीधे जुड़े हैं – जैसे जाति आधारित जनगणना (Caste Census), निजी क्षेत्र में आरक्षण (Private Sector Reservation) और जनसंख्या के अनुपात में प्रतिनिधित्व।
“राहुल गांधी को बोलने से रोकना लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं”
मनोज झा ने कहा कि “क्या हो जाता अगर राहुल गांधी सभा को संबोधित कर लेते? कुछ भी नहीं। लेकिन इससे यह स्पष्ट हो गया कि सरकार या प्रशासन को इन बुनियादी सवालों से डर लगता है।” उन्होंने सवाल उठाया कि क्या मुख्यमंत्री को इन घटनाओं की जानकारी दी जाती है या नहीं, और यह भी कहा कि किसी भी नेता को मंच से रोकना राजनीतिक गरिमा का हनन है।
असल मुद्दों से ध्यान भटका रही है सत्ता?
RJD नेता ने इस पूरी घटना को राजनीतिक मूल्यों में गिरावट का प्रतीक बताया और कहा कि “सरकार को चाहिए कि वह जाति जनगणना, आरक्षण और सामाजिक प्रतिनिधित्व जैसे विषयों से भागने के बजाय उनका जवाब दे। मंच पर रोक लगाने से सवाल नहीं रुकते।”