कुरुक्षेत्र : हरियाणा में पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में एक और शख्स को गिरफ्तार किया गया है। कुरुक्षेत्र के रहने वाले हरकीरत सिंह को हिसार स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने शनिवार देर रात उनके घर से हिरासत में लिया। हरकीरत सिंह हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (HSGMC) में सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत हैं और कुरुक्षेत्र के सिख श्रद्धालुओं को पाकिस्तान के धार्मिक स्थलों के लिए वीजा दिलवाने में मदद करते थे। इसी दौरान उनके पाकिस्तानी दूतावास से संपर्क होने और जासूसी नेटवर्क में शामिल होने की आशंका जताई जा रही है।
पाकिस्तानी दूतावास से संपर्क का शक
पुलिस सूत्रों के अनुसार, हरकीरत सिंह ने सिख तीर्थ यात्रियों के लिए वीजा प्रक्रिया के दौरान पाकिस्तानी दूतावास के अधिकारियों से संपर्क स्थापित किया था। जांच एजेंसियों को शक है कि इसी संपर्क के जरिए वे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से जुड़े और संवेदनशील जानकारियां साझा करने में शामिल हुए।
कुरुक्षेत्र पुलिस ने बताया कि यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है, इसलिए इसकी जांच की जिम्मेदारी हिसार STF को सौंपी गई है। फिलहाल, हरकीरत से पूछताछ जारी है और उनके बैंक खातों की जांच की जा रही है ताकि पैसे के लेन-देन का पता लगाया जा सके।
हरियाणा में जासूसी के बढ़ते मामले
पिछले कुछ दिनों में हरियाणा में पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में यह चौथी बड़ी गिरफ्तारी है। इससे पहले, हिसार से यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा, कैथल से कॉलेज छात्र देवेंद्र सिंह ढिल्लों, और पानीपत से सुरक्षा गार्ड नोमान इलाही को गिरफ्तार किया गया था। रविवार को ही नूंह से अरमान नामक एक व्यक्ति को भी पाकिस्तान को सूचनाएं देने के आरोप में हिरासत में लिया गया। जांच में सामने आया है कि अरमान ने हाल ही में भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के दौरान संवेदनशील जानकारी साझा की थी, जिसमें अप्रैल 2025 में पहलगाम हमले के बाद की स्थिति भी शामिल है।
सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि हिसार जैसे रणनीतिक स्थानों पर जासूसी की गतिविधियां भारत की रक्षा व्यवस्था को कमजोर करने की साजिश का हिस्सा हो सकती हैं।
पुलिस का बयान
कुरुक्षेत्र पुलिस ने कहा, “यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है और इसकी गहन जांच की जा रही है। हिसार STF इस मामले को देख रही है और जल्द ही सभी तथ्य सामने आ जाएंगे।” वहीं, कैथल की पुलिस अधीक्षक आस्था मोदी ने हाल ही में एक बयान में कहा था कि जासूसी के इन मामलों में शामिल लोगों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।