बिहार की सियासी ज़मीन पर एक बार फिर चिराग पासवान ने सधी हुई राजनीतिक भाषा में न केवल प्रशासन के फैसले का समर्थन किया, बल्कि राहुल गांधी के प्रति सकारात्मक संकेत देकर गठबंधन राजनीति और वैचारिक अंतर के बीच संतुलन साधने की कोशिश की है।
प्रशासनिक फैसले का समर्थन: जनहित और कानून-व्यवस्था प्राथमिक
चिराग पासवान ने कहा कि प्रशांत किशोर और राहुल गांधी को रोका जाना स्थानीय प्रशासन का निर्णय था, जिसे कानून व्यवस्था और सार्वजनिक सुरक्षा को ध्यान में रखकर लिया गया होगा। चिराग पासवान ने कहा कि डीएम और एसपी किसी को बिना ठोस वजह के नहीं रोकते, उनके पास ज़रूर खुफिया इनपुट रहा होगा।”
राहुल गांधी के स्वागत का इशारा: ‘बिहार आना चाहिए’
चिराग पासवान ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बिहार दौरे पर भी सॉफ्ट पॉलिटिक्स दिखाई। उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि राहुल गांधी बिहार आएं, क्योंकि कांग्रेस ने राज्य में कभी लंबा शासन किया है, और उन्हें जनता से सीधे संवाद का मौका मिलना चाहिए।
सेना पर दिए बयान की कड़ी निंदा: ‘शर्मनाक और अस्वीकार्य’
चिराग ने मध्यप्रदेश के मंत्री द्वारा सेना पर दिए गए बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “सेना पर कोई सवाल नहीं उठाना चाहिए। ऐसा बयान शर्मनाक है। मेरी पार्टी का कोई सदस्य ऐसा करता, तो मैं उसे तुरंत निकाल देता।”