रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर की इस पार्टी में अब एक नया चेहरा राष्ट्रीय नेतृत्व के रूप में सामने आ सकता है। पूर्णिया से पूर्व भाजपा सांसद उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह को जन सुराज पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा जोरों पर है।
क्यों खास है पप्पू सिंह का नाम?
पप्पू सिंह का नाम केवल पूर्व सांसद होने के नाते नहीं, बल्कि राजनीति और नौकरशाही के गहरे अनुभव के कारण महत्वपूर्ण है। उनके परिवार का बिहार की राजनीति में लम्बा इतिहास रहा है। उनकी मां माधुरी सिंह दो बार पूर्णिया से कांग्रेस की सांसद रह चुकी हैं और उनके बड़े भाई एनके सिंह न केवल वरिष्ठ IAS रहे, बल्कि वित्त आयोग के अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद भी रहे हैं।
प्रशांत किशोर ने अपनी पदयात्रा की शुरुआत के दौरान घोषणा की थी कि उनकी पार्टी का पहला अध्यक्ष दलित समुदाय से होगा। इसी दृष्टिकोण से मधुबनी निवासी पूर्व IAS मनोज भारती को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया। लेकिन अब, पार्टी को एक मजबूत राजनीतिक चेहरा देने के लिए पप्पू सिंह को आगे लाया जा सकता है।
पार्टी के गठन से पहले ही पप्पू सिंह ने ‘जन सुराज पार्टी’ के नाम से राजनीतिक दल रजिस्टर करा दिया था, ताकि कोई दूसरा इस नाम का इस्तेमाल ना कर सके।
शेखपुरा स्थित वह बंगला, जहां से प्रशांत किशोर की पदयात्रा शुरू हुई थी, पप्पू सिंह का है, जिसे उन्होंने दोस्ती में पीके को इस्तेमाल करने दिया। इसके अलावा, जन सुराज की वैनिटी वैन भी पप्पू सिंह की बताई जाती है, जिसे चर्चाओं में लाया गया था।