नई दिल्ली: विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने मंगलवार को संसद भवन में एक महत्वपूर्ण बैठक के दौरान सांसदों और विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों को भारत की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई पर विस्तृत जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने हाल ही में शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारत की कार्रवाइयों पर प्रकाश डाला, जिसके जरिए भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था।
यह बैठक उन सांसदों और प्रतिनिधिमंडलों के लिए आयोजित की गई थी, जो जल्द ही विभिन्न देशों का दौरा करने वाले हैं ताकि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का पक्ष रख सकें। विदेश मंत्रालय के अनुसार, सात सर्वदलीय सांसद प्रतिनिधिमंडल 22 मई 2025 के बाद अमेरिका, ब्रिटेन, सऊदी अरब, ओमान, दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों का दौरा करेंगे। इनमें से एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर करेंगे, जो अमेरिका में भारत का पक्ष रख सकते हैं।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ की शुरुआत 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई थी, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने 26 लोगों की नृशंस हत्या कर दी थी। इस हमले में एक नेपाली नागरिक सहित कई पर्यटक मारे गए थे, और इसे 2008 के मुंबई हमलों के बाद सबसे घातक आतंकी हमलों में से एक माना जा रहा है। ऑपरेशन के तहत भारतीय सेना ने 7 मई 2025 को पाकिस्तान और पीओजेके में नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए, जिसे विदेश सचिव मिस्री ने “संतुलित, गैर-उत्तेजक, और जिम्मेदार” कार्रवाई करार दिया।
हालांकि, इस कार्रवाई के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। 7 मई को ही पाकिस्तान की ओर से जवाबी गोलीबारी में जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में 12 नागरिकों और एक सैनिक की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद केंद्र सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, जिसमें सभी दलों ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की कार्रवाई का समर्थन किया।
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने ऑपरेशन सिंदूर की सराहना करते हुए कहा, “यह ऑपरेशन एक सख्त संदेश देता है कि आतंकी चाहे जहां भी छिपे हों, हमारी सेना उन्हें ढूंढकर सजा देगी।” वहीं, पहलगाम हमले में अपने बेटे को खोने वाले नौसेना अधिकारी विनय नरवाल के पिता राजेश नरवाल ने कहा कि इस कार्रवाई से आतंकियों को सौ बार सोचने पर मजबूर होना पड़ेगा।
विक्रम मिस्री, जो जुलाई 2024 से भारत के 35वें विदेश सचिव के रूप में कार्यरत हैं, ने इस बैठक में सांसदों को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने भारत की स्थिति मजबूती से रखने के लिए तैयार किया। मिस्री ने पहले भी तीन प्रधानमंत्रियों- इंदर कुमार गुजराल, मनमोहन सिंह और नरेंद्र मोदी के निजी सचिव के रूप में काम किया है और उनकी कूटनीतिक विशेषज्ञता को इस संवेदनशील मुद्दे पर अहम माना जा रहा है।
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर चिंता जताई है। ब्रिटेन ने दोनों देशों के बीच बातचीत और तनाव कम करने में सहयोग की पेशकश की है। भारत का यह कूटनीतिक अभियान आतंकवाद के खिलाफ उसकी ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को वैश्विक मंच पर रेखांकित करने का एक प्रयास है।