जयपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राजस्थान में एक जनसभा को संबोधित करते हुए भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा हाल ही में किए गए “ऑपरेशन सिंदूर” की सफलता की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने तीनों सेनाओं (थल सेना, वायु सेना और नौसेना) को खुली छूट दी थी, जिसके परिणामस्वरूप सेनाओं ने मिलकर ऐसा चक्रव्यूह रचा कि पाकिस्तान को घुटने टेकने के लिए मजबूर होना पड़ा।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “22 अप्रैल को आतंकवादियों ने हमारी बहनों की कलाई पर राखी बांधने के मौके को निशाना बनाया था। इसके जवाब में हमारी सरकार ने तुरंत कार्रवाई की। हमने 22 मिनट में आतंकियों के 9 सबसे बड़े ठिकानों को तबाह कर दिया। इस ऑपरेशन में 140 करोड़ देशवासियों की एकजुटता ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।”
उन्होंने आगे कहा, “जो लोग भारत की शांति को भंग करने की कोशिश करते हैं, उन्हें अब समझ आ गया है कि भारत चुप नहीं रहेगा। जो सिंदूर मिटाने निकले थे, उन्हें मिट्टी में मिला दिया गया। जो हिंदुस्तान का लहू बहाते थे, उनका कतरे-कतरे का हिसाब चुकाया गया। आज वे अपने घरों में दुबके हुए हैं, और उनके हथियार मलबे के ढेर में दबे हैं।
बता दें ऑपरेशन सिंदूर को भारतीय सशस्त्र बलों ने 7 मई 2025 को अंजाम दिया था, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए गए। इस ऑपरेशन में लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के कई बड़े आतंकवादी मारे गए, जिनमें आईसी-814 हाइजैकिंग का मुख्य आरोपी यूसुफ अजहर भी शामिल था। इस ऑपरेशन में 100 से अधिक आतंकवादी ढेर किए गए, और इसे भारत की नई सुरक्षा नीति के तहत एक निर्णायक कदम माना जा रहा है।
वहीं पाकिस्तान सरकार ने पीएम मोदी के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे “उत्तेजक और भड़काऊ” करार दिया है। हालांकि, ऑपरेशन के बाद सीमा पर तनाव बढ़ गया है। पाकिस्तान ने 8 मई को दावा किया था कि उसने पांच भारतीय लड़ाकू विमानों को मार गिराया है, लेकिन भारत ने इस दावे को खारिज कर दिया।
12 मई 2025 को डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि ऑपरेशन सिंदूर में न्यूनतम नागरिक नुकसान सुनिश्चित किया गया। इस ऑपरेशन में थल सेना, वायु सेना और नौसेना ने संयुक्त रूप से काम किया। उन्होंने यह भी कहा कि भारत भविष्य में भी ऐसी कार्रवाइयों के लिए तैयार है ताकि आतंकवाद को जड़ से खत्म किया जा सके।
पीएम मोदी के इस बयान के बाद राजस्थान में मौजूद जनता ने “वंदे मातरम” और “भारत माता की जय” के नारे लगाकर उत्साह दिखाया। लोगों का मानना है कि यह ऑपरेशन भारत की सैन्य शक्ति और आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति का प्रतीक है।
हालांकि ऑपरेशन सिंदूर को बड़ी सफलता मिली है, लेकिन सीमा पर ड्रोन हमलों और संघर्षविराम उल्लंघन की घटनाएं जारी हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत को अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी इस ऑपरेशन को सही ठहराने की जरूरत होगी ताकि वैश्विक समर्थन हासिल किया जा सके।
यह ऑपरेशन न केवल भारत की सैन्य ताकत को दर्शाता है, बल्कि यह भी संदेश देता है कि देश अपनी संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।