कोलकाता : पश्चिम बंगाल के विपक्ष के नेता और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुवेंदु अधिकारी ने मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि यह हिंसा मुस्लिम वोटों को ध्रुवीकृत करने और हिंदुओं को धमकाने के लिए की गई है। अधिकारी ने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) मालदा और मुर्शिदाबाद को हिंदू-मुक्त क्षेत्र बनाने की कोशिश कर रही है, जो बांग्लादेश में हो रहे परिवर्तनों की याद दिलाता है।
अधिकारी के अनुसार, “यह हिंसा वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के नाम पर कांग्रेस से मुस्लिम वोटों को वापस खींचने के लिए की गई थी। हिंदुओं को धमकाने और उन्हें पलायन के लिए मजबूर करने का उद्देश्य था।” उन्होंने कहा कि यदि तत्काल कार्रवाई नहीं की गई, तो पश्चिम बंगाल में हिंदुओं की सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी, खासकर जहां वे अल्पसंख्यक हैं।
मुर्शिदाबाद जिले में हालिया हिंसा के मद्देनजर, अधिकारी ने मांग की है कि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और सुप्रीम कोर्ट को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विशेष जांच टीम (एसआईटी) की रिपोर्ट में स्पष्ट है कि हिंदू वहां बीएसएफ की स्थायी तैनाती की मांग कर रहे हैं।
इस क्षेत्र में जनसांख्यिकीय परिवर्तन भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा रहा है। 1951 में मुर्शिदाबाद में हिंदू आबादी 44.6% थी, जो आज 35.12% से नीचे आ गई है, जबकि मुस्लिम आबादी 63.67% से अधिक हो गई है। इस बदलाव को ऐतिहासिक विभाजन और बाद में हुईं माइग्रेशन से जोड़ा गया है, जिसने क्षेत्र की राजनीतिक और सामाजिक गतिशीलता को प्रभावित किया है।
पिछले चुनावों में भी मुस्लिम वोटों का ध्रुवीकरण एक प्रमुख कारक रहा है, जहां टीएमसी और कांग्रेस-वाम गठबंधन के बीच वोट बंटे रहे। यह स्थिति विशेष रूप से उत्तर दिनाजपुर, मालदा और मुर्शिदाबाद जैसे मुस्लिम-बहुल जिलों में स्पष्ट थी, जहां चुनावी नतीजे इन जनसांख्यिकीय बदलावों से काफी हद तक प्रभावित होते हैं।