बीकानेर, राजस्थान : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राजस्थान के बीकानेर में एक विशाल जनसभा को संबोधित किया और नेशनल हाईवे 754K के लिए आधारशिला रखी। यह उनकी पहली यात्रा है जब से भारतीय सेना ने “ऑपरेशन सिंदूर” को अंजाम दिया, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (POJK) में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए गए थे। इस ऑपरेशन के बाद पाकिस्तानी सेना की जवाबी गोलीबारी में 12 नागरिकों और एक सैनिक की मौत हो गई थी।
जनसभा में दिखा जबरदस्त उत्साह
बीकानेर की इस सभा में हजारों लोग शामिल हुए, जिन्होंने हाथों में तिरंगा लहराकर देशभक्ति का उत्साह दिखाया। मंच पर लगे बैकड्रॉप में “ग्राउंड ब्रेकिंग ऑफ नेशनल हाईवे 754K” और “श्री नरेंद्र मोदी” लिखा हुआ था, जो इस आयोजन के मुख्य उद्देश्य को दर्शाता था। सभा में मौजूद एनसीसी कैडेट्स और अन्य युवाओं ने तिरंगे झंडे लहराकर पीएम मोदी का स्वागत किया।
नेशनल हाईवे 754K: सीमावर्ती क्षेत्रों में कनेक्टिविटी को बढ़ावा
नेशनल हाईवे 754K का यह प्रोजेक्ट राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्रों में कनेक्टिविटी को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह हाईवे अमृतसर-जामनगर इकोनॉमिक कॉरिडोर का हिस्सा है, जो पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात को जोड़ता है। बीकानेर से जोधपुर और आगे राजस्थान-गुजरात बॉर्डर तक यह 6-लेन का एक्सेस-कंट्रोल्ड हाईवे होगा, जो क्षेत्र में व्यापार और आवागमन को बढ़ावा देगा।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली यात्रा
ऑपरेशन सिंदूर, जिसे भारतीय सेना ने 7 मई 2025 को अंजाम दिया था, इस के बाद यह पीएम मोदी की पहली राजस्थान यात्रा थी। इस ऑपरेशन में पाकिस्तान और POJK में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया था, जिसके बाद पाकिस्तान की ओर से जवाबी कार्रवाई में राजौरी और पुंछ जिलों में भारी गोलाबारी हुई। इस घटना ने क्षेत्र में तनाव को बढ़ा दिया था, लेकिन बीकानेर की जनसभा में दिखा उत्साह यह दर्शाता है कि स्थानीय लोग पीएम मोदी के नेतृत्व और सेना के इस कदम से उत्साहित हैं।
पीएम का संदेश: जोश और जज्बे की नई ऊर्जा
प्रधानमंत्री ने अपने ट्विटर पोस्ट में लिखा, “वीर-वीरांगनाओं की भूमि राजस्थान के बीकानेर में मेरे परिवारजनों के जोश और जज्बे ने नई ऊर्जा से भर दिया।” इस सभा में मौजूद लोगों ने “जय हिंद” और “जय जय राजस्थान” के नारों के साथ पीएम का समर्थन किया।
यह आयोजन ऐसे समय में हुआ है जब क्षेत्र में इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट को लेकर भारत और चीन-पाकिस्तान के बीच एक रणनीतिक प्रतिस्पर्धा देखी जा रही है। CPEC, जो पाकिस्तान में 3000 किमी का एक इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट है, चीन के लिए मध्य पूर्व से ऊर्जा आयात का एक वैकल्पिक रास्ता प्रदान करता है। वहीं, भारत का अमृतसर-जामनगर कॉरिडोर क्षेत्र में अपनी स्थिति को मजबूत करने की दिशा में एक कदम है।