बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मियाँ तेज हो गई हैं और इसी क्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 24 मई को दिल्ली रवाना होंगे। उनका यह दौरा न सिर्फ विकास कार्यों की समीक्षा के लिहाज से अहम है, बल्कि यह बिहार चुनाव की रणनीति को अंतिम रूप देने का भी एक बड़ा मंच साबित हो सकता है।
25 मई को दिल्ली के अशोक होटल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में NDA शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की एक अहम बैठक होगी, जिसमें नीतीश कुमार भी शामिल होंगे। इस मीटिंग को बिहार की राजनीति और आगामी चुनावी तैयारियों के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है।
बैठक में उठेंगे ये 5 अहम मुद्दे
- बिहार में सुशासन और कानून-व्यवस्था : सरकार के कामकाज और जनता तक पहुंच के तरीकों पर फीडबैक लिया जाएगा।
- जातीय जनगणना पर संभावित चर्चा : बिहार में जातीय गणना को लेकर राजनीति गर्म रही है। यह मसला फिर से उछल सकता है।
- नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में ऑपरेशन सिंदूर की समीक्षा : राज्य में नक्सली गतिविधियों पर कड़ा नियंत्रण एक अहम मुद्दा रहेगा।
- प्रवासी बिहारियों की भागीदारी : NDA प्रवासी बिहारियों को चुनावी प्रक्रिया में जोड़ने की रणनीति पर भी विचार कर सकता है।
- विकास परियोजनाओं की समीक्षा : केंद्र-राज्य समन्वय से चल रही योजनाओं की प्रगति पर बारीकी से नजर डाली जाएगी।
नीतीश- मोदी की केमिस्ट्री: फिर से सुलझेगी रणनीति
नीतीश कुमार की यह दिल्ली यात्रा इस वजह से भी खास मानी जा रही है क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी स्वयं बिहार दौरे पर आने वाले हैं। इससे पहले केंद्र और राज्य के बीच समन्वय बैठकों का होना यह संकेत देता है कि BJP और JDU अपने सहयोग की नई परिभाषा गढ़ने की कोशिश में हैं।
2020 में JDU को मिली चुनौतियों और LJP के कारण हुए नुकसान को लेकर इस बार सतर्कता बरती जा रही है। हाल ही में चिराग पासवान के तेवर और अलग चुनाव लड़ने की अटकलें NDA के भीतर तनाव पैदा कर रही हैं। ऐसे में 25 मई की बैठक केवल विकास की नहीं, बल्कि NDA गठबंधन की मजबूती का भी इम्तिहान होगी।