बिहार के जमालपुर रेल कारखाने से अब सिर्फ इंजन नहीं, भविष्य के इंजीनियर और स्किल्ड युवा भी निकलेंगे। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को एक ऐतिहासिक घोषणा की कि वर्ष 2026 से IRIMEE (Indian Railways Institute of Mechanical and Electrical Engineering) में आम युवाओं को भी तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाएगा। अब तक यह संस्थान सिर्फ रेलवे अधिकारियों को इनहाउस ट्रेनिंग देता था।
रेल मंत्री ने बताया कि यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘स्किल इंडिया’ विजन का हिस्सा है। इससे बिहार के प्रतिभाशाली युवाओं को न केवल तकनीकी ज्ञान मिलेगा, बल्कि उन्हें रेलवे और अन्य क्षेत्रों में रोजगार के बेहतरीन अवसर भी प्राप्त होंगे।
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि 2014 से पहले बिहार को रेलवे बजट में केवल ₹1,000 करोड़ मिलते थे। लेकिन आज यह बजट ₹10,000 करोड़ तक पहुँच गया है। इतना ही नहीं, बिहार में रेलवे से जुड़े प्रोजेक्ट्स पर ₹1 लाख करोड़ से अधिक का निवेश हो चुका है।
उन्होंने कहा कि “प्रधानमंत्री ने रेलवे के संपूर्ण विद्युतीकरण और आधुनिकरण का संकल्प लिया है। पिछले 11 वर्षों में 50,000 किलोमीटर से अधिक रेल लाइनें विद्युतीकृत की गई हैं।” रेल मंत्री ने यह भी बताया कि जमालपुर वर्कशॉप के लिए एक विशेषज्ञ टीम ने एक ₹350 करोड़ का एक्शन प्लान तैयार किया है, जिससे यहां का वर्कलोड, इन्फ्रास्ट्रक्चर और तकनीकी दक्षता में बड़ा सुधार आएगा।
इस फैसले से IRIMEE जमालपुर, जो अब तक रेलवे कर्मचारियों का विशेष प्रशिक्षण केंद्र था, अब देशभर के युवाओं के लिए एक राष्ट्रीय स्तर का स्किल डेवलपमेंट हब बन जाएगा। इसके माध्यम से बिहार के युवाओं को विश्वस्तरीय तकनीकी ट्रेनिंग मिलेगी।