नई दिल्ली:भारत ने वैश्विक आर्थिक मंच पर एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए जापान को पीछे छोड़ दिया है और अब दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, भारत का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) अब \$4.1 ट्रिलियन तक पहुँच गया है, जबकि जापान का GDP लगभग \$4.0 ट्रिलियन पर स्थिर है।
1. संयुक्त राज्य अमेरिका – \$26.9 ट्रिलियन
2. चीन – \$17.7 ट्रिलियन
3. जर्मनी – \$4.5 ट्रिलियन
4. भारत – \$4.1 ट्रिलियन
5. जापान – \$4.0 ट्रिलियन
भारत की आर्थिक छलांग के प्रमुख कारण
डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर UPI जैसे डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म ने आर्थिक लेन-देन को आसान और तेज़ बनाया।
निर्माण और उत्पादन में वृद्धि (Make in India) PLI (Production-Linked Incentives) योजनाओं से मैन्युफैक्चरिंग में तेज़ी।
स्टार्टअप इकोसिस्टम भारत अब तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप हब बन चुका है, जिसमें 100+ यूनिकॉर्न शामिल हैं।
सेवा क्षेत्र का योगदान IT और BPO सेवाओं ने 2024-25 में GDP में लगभग 54% योगदान दिया।
जनसंख्या लाभ : युवा कार्यबल (औसत आयु 29 वर्ष) और खपत में वृद्धि ने विकास को गति दी।
महंगाई और चालू खाता घाटा भी नियंत्रण में
थोक महंगाई दर: 4.8%
चालू खाता घाटा (Current Account Deficit):
GDP का मात्र 1.2%
रिज़र्व बैंक के विदेशी मुद्रा भंडार: \$640 अरब (May 2025)
2030 तक तीसरे स्थान की दिशा में अग्रसर:
अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि यदि भारत की विकास दर 7% से ऊपर बनी रही, तो 2030 तक भारत जर्मनी को पछाड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है।
IMF के मुख्य अर्थशास्त्री ने कहा, “भारत की वृद्धि न केवल तेज़ है, बल्कि टिकाऊ भी है। व्यापक सुधार, निवेश और युवा आबादी के चलते भारत वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं का प्रमुख केंद्र बनता जा रहा है।”
भारत की यह उपलब्धि केवल GDP का आँकड़ा नहीं है, बल्कि यह देश की आर्थिक नीतियों, तकनीकी नवाचारों और जनशक्ति की ताकत का परिचायक है। अब दुनिया भारत को केवल एक उभरती अर्थव्यवस्था नहीं, बल्कि एक वैश्विक आर्थिक शक्ति के रूप में देख रही है।